नई दिल्ली । देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में निरंतर गिरावट आ रही है। पिछले एक हफ्ते के दौरान 25 हज़ार से कम केस आ रहे हैं, लेकिन देश के 30 ज़िलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इन ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज़्यादा है। खास बात ये है कि इनमें से 13 ज़िले केरल में हैं। बता दें कि पिछले करीब दो महीने केरल देश का एकमात्र राज्य है जहां से कोरोना के केस लगातार सबसे ज्यादा आ रहे हैं।
कोरोना के ताज़ा आंकड़ों पर नज़र डालें तो पिछले 13 दिनों के दौरान देश की पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से कम रही है। बता दें कि पॉजिटिविटी रेट 5 परसेंट से ज्यादा होने पर ही संक्रमण का ज्यादा खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों ने मौजूदा आंकड़ों को लेकर चिंता जताई है। इनका कहना है कि पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है और केस कम आ रहे हैं। इसका मतलब ये है कि सभी लोगों के टेस्ट नहीं हो रहे हैं। उनके मुताबिक सिर्फ हाई रिस्क ग्रुप के टेस्ट किए जा रहे हैं।
एक विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘स्पष्ट रूप से कुछ गड़बड़ है, क्योंकि इस बात की अधिक संभावना है कि जिन जिलों में मामले गायब हैं वहां पॉजिटिविटी रेट काफी ज़्यादा है। उदाहरण के लिए केरल में हमने देखा कि टेस्ट भले ही आक्रामक था, लेकिन केवल उन संपर्कों को लक्षित किया गया था जो उच्च जोखिम में थे। जाहिर है उस श्रेणी में पॉजिटिविटी रेट अधिक होगी, लेकिन अगर हम पर्याप्त टेस्ट नहीं कर रहे हैं तो तस्वीर कुछ और आएगी।’
कोरोना के कुछ और आंकड़ों पर नज़र डालें तो 11 राज्यों के 18 ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी के बीच है। यानी यहां संक्रमण का खतरा बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अगर किसी जगह लगातार दो हफ्ते तक पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम है तो वहां महामारी को नियंत्रण में माना जाता है। केरल के अलावा, मिजोरम के 8 जिले, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में तीन-तीन, सिक्किम में दो और मेघालय में एक जिले में हाई पॉजिटिविटी रेट है। इसके अलावा केरल में इस वक्त सबसे ज्यादा सक्रिय केस है।
यहां इस वक्त 1,44,075 केस हैं, जो पूरे देश में सभी सक्रिय मामलों के मुकाबले 52.01 प्रतिशत ज्यादा है। पांचराज्यों में 50,000 से 100,000 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं। महाराष्ट्र में 40,252 सक्रिय मामले हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 17,192, मिजोरम में 16,841, कर्नाटक में 12,594 और आंध्र प्रदेश में 11,655 मामले हैं।