भारतीय रेल्वे की परिचालन व सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। कई ट्रेनें कैन्सिल हो रही है, कई ट्रेनों के रूट अचानक डायवर्ट कर दिये जाते हैं। 7 अक्टूबर की देर रात 1 बजे बीकानेर से रवाना हुई ट्रेन से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव के लिए आने वाले यात्रियों की परेशानी भारी नारकीय यात्रा लगभग 50 घंटे में पूरी हुई, जबकि सही रूट से यात्रा 28 घंटे में पूरी होती है।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि दीपावली के पश्चात अनेक जैन यात्री संघ राजस्थान में चारों दादागुरुदेव के धाम की यात्रा में जाते हैं जिन्हें लौटने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रा में अधिक समय लगने के कारण खर्च भी दोगुना हो रहा है, रास्ते में नास्ते भोजन की व्यवस्था में बहुत दिक़्कतों का सामना करना पड़ रहा है अधिक परेशानी बच्चों को झेलनी पड़ रही है। पिछले 45 दिनों से ट्रेनों में सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी नही लगने से ट्रेनों में गंदगी का आलम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की रेल्वे धज्जियाँ उड़ा रहा है। यात्री गंदगी, बदबूदार, नारकीय यात्रा करने मजबूर हैं। किसी बोगी में पानी नही है तो किसी बोगी में टॉयलेट ने पानी बहकर बर्थ वाले एरिया में फैल गया है अनेक बार चैन पुलिंग करने पर भी सुनवाई नही हो रही है। बीकानेर से सीधे अपने गंतव्य तक पहुंचने की बजाय अब यात्रियों को बिलासपुर में उतरना पड़ेगा। फिर बस या टैक्सी से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव आना होगा जो समय व धन का अपव्यय है।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर सारी जानकारी देते हुए शीघ्र स्वच्छ व समयबद्ध रेल यात्रा पुन: स्थापित करने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि रेल्वे स्टेशन में चाय बेचने वाले को रेल्वे की समस्याओं की जितनी जानकारी होती है उतनी रेलमंत्री को भी नही होती। प्रधानमंत्री से आग्रह है कि वर्तमान रेल्वे की ओर झाँके और समस्याओं को शीघ्र दूर करें।