पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सेना के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। उन्होंने बुधवार को धमकी देते हुए कहा कि वे एक और सेना अधिकारी के नाम का खुलासा करेंगे जो उन पर हुए कातिलाना हमले में शामिल था। 70 वर्षीय इमरान खान पर बृहस्पतिवार को पंजाब प्रांत के वजीराबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ ‘लॉन्ग मार्च’ के दौरान हमला हुआ था, जिसमें उनके दाहिने पैर में गोलियां लगी थीं। पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या की भयावह साजिश में शामिल थे। खान ने ट्वीट किया, “मैं दूसरे अधिकारी के नाम का भी खुलासा करूंगा जो (तीन नवंबर को) दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक मेजर जनरल फैसल के साथ साजिश को अंजाम दिए जाने की निगरानी कर रहा था।”
लांग मार्च फिर से शुरू करने को तैयार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके से अपना रुका हुआ ‘लांग मार्च’ बृहस्पतिवार को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पिछले सप्ताह वजीराबाद इलाके में खान पर हमला होने के बाद मार्च को रोक दिया गया था। हमले में खान (70) के दाहिने पैर में गोली लगी थी। दो हथियारबंद लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था। खान के धर्मार्थ संगठन के स्वामित्व वाले शौकत खानम अस्पताल में उनका इलाज किया गया है। डॉक्टरों ने उन्हें चार से छह हफ्ते आराम करने की सलाह दी है। खान ने मंगलवार को लांग मार्च फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में पार्टी ने फैसला बदलते हुए बृहस्पतिवार से मार्च शुरू करने का निर्णय लिया। मार्च 10 से 14 दिन में रावलपिंडी पहुंचेगा और खान वहां पर इसमें शामिल होंगे। पंजाब की नेता और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. यास्मीन राशिद ने बुधवार को ‘पीटीआई’ को बताया, “पीटीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे (स्थानीय समयानुसार) वजीराबाद से मार्च का नेतृत्व करेंगे।” उन्होंने कहा, “गोलीबारी में मारे गए और घायल हुए लोगों के लिए प्रार्थना के साथ लांग मार्च फिर से शुरू होगा।”
इसी साल सत्ते से बेदखल किए गए थे इमरान खान
खान को इस साल अप्रैल में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद से वह पाकिस्तान में आम चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर उन्होंने लांग मार्च निकाला है। हालांकि, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार फिलहाल चुनाव कराने का विरोध कर रही है। वर्तमान नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होगा।