हिमस्खलन हादसे के तीसरे दिन रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंचने में कामयाब हो गईं। टीमों ने मौके से 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए। अब तक कुल 19 पर्वतारोहियों के शव निकाल लिए गए हैं। क्षेत्र में बर्फबारी शुरू होने के कारण गुरुवार दोपहर के बाद हवाई रेस्क्यू रोक दिया गया है। लेकिन मौके पर मौजूद टीमें लापता पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनेरिंग (निम) के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि गुरुवार सुबह वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और हाईएल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग, कश्मीर की टीमें हिमस्खलन वाले स्थान तक पहुंचने में कामयाब हो गईं। टीमों ने मौके से 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए। जबकि, 10 लापता पर्वतारोहियों की तलाश की जा रही है। अब तक मिले 19 शवों में से दो निम के प्रशिक्षक और 17 प्रशिक्षुओं के हैं। डीएम अभिषेक रुहेला ने इसकी पुष्टि की है। सभी पर्वतारोहियों के शव डोकरानी बामक एडवांस बेस कैंप में लाए गए हैं। हवाई रेस्क्यू शुरू होने पर इन्हें उत्तरकाशी लाया जाएगा।
दोपहर बाद रोका हवाई रेस्क्यू डीएम अभिषेक रुहेला ने बताया कि गुरुवार दोपहर बाद द्रौपदी डांडा क्षेत्र में हल्की बर्फबारी शुरू हो जाने से हेलीकॉप्टरों से किया जा रहा रेस्क्यू रोक दिया गया है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि शुक्रवार को मौसम ठीक रहने पर ही फिर से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू की उम्मीद है। हालांकि घटनास्थल पर रेस्क्यू टीमें लापता पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी हुई हैं। लापता पर्वतारोहियों के परिजन निम से नाराज मातली हैलीपैड पर पहुंचे लापता पर्वतारोहियों के परिजनों ने जिला प्रशासन और निम प्रशासन पर ठीक-ठीक जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया। हरियाणा से पहुंचे हरि प्रकाश का कहना था कि जब मौसम खराब होने की चेतावनी थी तो लोगों को पर्वतारोहण के लिए क्यों भेजा गया।