रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता है और मुस्कान है। यह उनके खुशहाली की पहचान है। यह हम सबकी की मेहनत और हमारी योजनाओं का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों का सपना था कि किसान खुशहाल हो, मजदूरों को काम मिले, लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हो। हमारी सरकार अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के जरिए पुरखों के सपने को पूरा कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज मुंगेली जिला मुख्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में विशाल किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 215 करोड़ रूपए की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया और जिले वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर मुंगेली जिले डिडौंरी में को-ऑपरेटिव बैंक खोलने, जरहागांव को तहसील बनाने, मुंगेली में कन्या महाविद्यालय की स्थापना, पथरिया में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने और वहां के महाविद्यालय में बाउंड्रीवॉल तथा लालपुर में गुरू घासीदास जयंती स्थल का सौन्दर्यीकरण कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान शासन के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को अनुदान राशि एवं सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर 14 बैगा जनजाति के शिक्षित युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हर वर्ग, हर परिवार के लिए योजना बनायी है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी, धान खरीदी, सार्वभौम पीडीएस, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर एवं लघु वनोपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, हाफ बिजली बिल योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका लाभ किसी न किसी रूप में हर परिवार को मिला है।
श्री बघेल ने आगे कहा कि हमारी यह कोशिश है कि हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिले। विकास में उसकी भागीदारी हो, यह प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनते ही 18 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रूपए का कर्जमाफ किया गया। बीते खरीफ सीजन में किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 5628 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता दी गई। इस साल 5702 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता किसानों को चार किस्तों में दी जा रही हैं।
राज्य में तेन्दूपत्ता की संग्रहण दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा संग्राहकों को देने के साथ ही 52 प्रकार के लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी और वैल्यूएडिशन कर रहे है। भूमिहीन परिवारों को सालाना 6000 रूपए की सहायता देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की शुरूआत की गई है। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन का उल्लेख करते हएु कहा कि अब राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली का उत्पादन शुरू किया गया है। बिजली बनाने का काम पहले सरकार और बड़े उद्योगपति करते थे। अब हमारे ग्रामीण किसान और महिला बहनें भी गोबर से बिजली बनाने लगी हैं। गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे है, जहां स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से विविध उत्पाद तैयार की जाएंगी। इससे ग्रामीणों को रोजगार और आर्थिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राजीव मितान क्लब योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय वार्डों में क्लब गठित किए जाएंगे। इसके माध्यम से संस्कृति, खेल-कूद को बढ़ावा तथा शासकीय योजनाओं का लाभ जन-जन पहुंचाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की सराहना नीति आयोग ने की है।
राज्य में कुपोषण के दर में उल्लेखनीय कमी आई है। एनिमिक महिलाओं की संख्या भी कम हुई है। उन्होंने बस्तर अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया और कहा कि धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी विकास के काम में तेजी आयी है। छत्तीसगढ़ सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति के चलते नक्सल गतिविधियां सिमट गई है।
किसान सम्मेलन को स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चन्द्राकर, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लेखनी चन्द्राकर, सर्वश्री सागर सिंह बैस, प्रमोद नायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।