पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में दक्षिणपंथी धार्मिक दलों का गठबंधन 1 नवंबर को हुए इजराइली चुनावों में विजेता के रूप में उभरा। दक्षिणपंथी गुट ने संसद की 120 में से 64 सीटों पर कब्जा जमाते हुए इजराइल के आम चुनावों में जोरदार जीत हासिल की है। इसके साथ ही देश के सबसे लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू की कुछ अंतराल के बाद सत्ता में वापसी तय हो गई है। नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी ने संसद में 32 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान प्रधानमंत्री यायर लैपिड की येश अतीद को 24 सीटें मिलीं। कुछ ही दिनों में इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग नेतन्याहू को सरकार बनाने का न्यौता देंगे।
अति-धार्मिक ताकतें बढ़ाएंगी नेतन्याहू की मुश्किलें
इस सरकार में देश की अति-धार्मिक ताकतें भी शामिल होंगी जो कई क्षेत्रों में इजराइल की समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के पास अब नेसेट (इजराइली संसद) में 32 सदस्य हैं। वहीं उनकी सहयोगी धार्मिक जायोनी पार्टी के पास 14 सांसद हैं, जो नेसेट में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। नेतन्याहू ने जिन पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा वे अति-धार्मिक पार्टियां मानी जाती हैं। धार्मिक जियोनिस्ट पार्टी और उसके चरमपंथी, ओत्जमा येहुदित गुट के अलावा नेतन्याहू ने अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स शास पार्टी (11 सांसद), यूनाइटेड टोरा यहूदी धर्म पार्टी (7 सांसद) के साथ चुनाव लड़ा। इनमें से ओत्जमा येहुदित गुट का नेतृत्व इतामार बेन-गवीर कर रहे हैं। यह गुट अक्सर इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसा को उकसाता आ रहा है।
इतामार बेन-गवीर को कैसे कंट्रोल करेंगे नेतन्याहू
इतामार बेन-गवीर को नस्लवाद के लिए उकसाने, एक पुलिस अधिकारी की ड्यूटी में बाधा डालने व आतंकवादी संगठन कच मूवमेंट का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। मई 2021 में, उन पर पुलिस आयुक्त द्वारा लोद और एकर जैसे मिश्रित शहरों में यहूदियों और अरबों के बीच हिंसा की लपटों को भड़काने का आरोप लगाया गया था।
कई संगठनों और प्रगतिशील लोगों के लिए चिंता का कारण यह है कि धार्मिक जियोनिज्म पार्टी खुले तौर पर धार्मिक कानून लागू करने, वेस्ट बैंक पर इजराइल के शासन और “निष्ठाहीन” फिलिस्तीनी नागरिकों को इजराइल से निकालने को कहती है। यह पार्टी अल-अक्सा मस्जिद के विध्वंस का आह्वान करके मुसलमानों को उकसाती है। यह मस्जिद इस्लाम के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। पार्टी इस स्थान पर एक यहूदी मंदिर का निर्माण कराना चाहती है।