प्रदेश के निजी और सरकारी मेडिकल कालेजों में एमडी-एमएस (स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम) में प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) ने मंगलवार को मेरिट सूची जारी की थी। इस सूची में सिर्फ दो हजार 658 उम्मीदवारों के ही नाम हैं, जबकि पिछले साल तीन हजार 50 उम्मीदवार मेरिट में थे।
इस साल एमडी-एमएस कराने वाले कालेज और सीटों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उम्मीदवार कम हो गए। जानकारों का कहना है कि इसकी कई वजह हैं, जिनमें एक यह भी है कि उम्मीदवारों को दूसरे राज्यों में अच्छे कालेज और विषय मिलने की उम्मीद रहती है। इस कारण वह मध्य प्रदेश के मूल निवासी या यहां से एमबीबीएस करने के बाद भी पीजी करने दूसरे राज्यों में चले जाते हैं।
बता दें कि प्रदेश में पिछले साल छह सरकारी कालेजों में स्टेट कोटे की (सेवारत मिलाकर) 414 सीटें थीं, जबकि इस साल साल (2022-23) में 452 हो गई हैं। एमडी-एमएस कराने वाले कालेज छह से बढ़कर आठ हो गए हैंं। निजी कालेजों में भी सीटें 599 से बढ़कर 774 हो गई हैं। इसी अनुपात में 15 प्रतिशत एनआरआइ सीटों की संख्या भी 116 हो गई हैं। इस तरह निजी कालेजों की 890 और सरकारी 452 सीट मिलाकर 1342 सीटों के लिए दो हजार 658 उदम्मीदवार मेरिट में हैं।