भगोड़े नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है. ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने इसे हरी झंडी दिखा दी है. वहां के हाई कोर्ट की तरफ से उस याचिका को खारिज कर दिया गया है जहां पर प्रत्यर्पण रोकने की अपील की गई थी. कोर्ट का कहना है कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा.
गौरतलब है कि विशेष पीएमएलए कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। जिसके बाद वह लंदन भाग गया था। तीन साल पहले नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है।
नीरव मोदी पर 7000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
बता दें कि नीरव मोदी ने पीएनबी से करीब 7000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। जिसके बाद वह विदेश भाग गया था। फिलहाल वह लंदन की एक जेल में है। भारत सरकार उसे वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। नीरव मोदी ने 2017 में अपनी कंपनी फायरस्टार डायमंड के जरिए प्रतिष्ठित रिदम हाउस बिल्डिंग खरीदी थी। उसका प्लान इसे हेरिटेज प्रॉपर्टी में बदलने का था। माना जाता है कि उसने ज्यादातर संपत्तियां पीएनबी घोटाले से हासिल रकम से खरीदी थी।
हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण गलत नहीं होगा। आपको बता दें कि नीरव मोदी पीएनबी घोटाले में भगोड़ा घोषित हुआ है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी में नजरिए से अन्याय पूर्ण या दमनकारी नहीं होगा। नीरव मोदी (51) ने दो अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) कर्ज घोटाला मामले में खुद को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील दाखिल की थी जिसपर सुनवाई हुई।
इससे पहले लंदन उच्च न्यायालय ने कहा था कि भारत एक मित्र देश है और ब्रिटेन को भारत सरकार के इन आश्वासनों में खामियां नहीं ढूंढनी चाहिए कि धोखाधड़ी और धनशोधन से संबंधित मुकदमे के दौरान हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी।