छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 4 महीने की बच्ची की उसकी मां ने ही हत्या कर दी। मां ने अपने बेटी को जिंदा ही कुएं में फेंक दिया। जिससे बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उसने परिजनों से कह दिया कि मेरी बेटी लापता हो गई है। उसे भूत उठाकर ले गया होगा। मगर मामला पुलिस के पास पहुंच गया और पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। मामला नवागढ़ थाना क्षेत्र के घोघरा गांव का है।
यह पूरी वारदात 22 अक्टूबर की रात की है। अगले दिन 23 अक्टूबर की सुबह घोघरा गांव में कुएं में तैरती हुई राही यादव नाम की बच्ची की लाश मिली थी। शव मिलने के बाद परिजन बच्ची का अंतिम संस्कार करने वाले थे। इससे पहले ही पुलिस को इस बात की सूचना मिली गई और पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया। फिर शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया था।
इस केस में पुलिस लगातार परिजनों से पूछताछ कर रही थी। इसके बावजूद एक हफ्ते तक मामले में कोई खास जानकारी सामने नहीं आ सकी। इसके बाद पुलिस की टीम एक बार फिर से 30 अक्टूबर को घोघरा गांव पहुंची। क्योंकि पुलिस को पहले से ही बच्ची की मां बबीता यादव(25) की थ्योरी पर शक था। इसलिए उस दिन पुलिस ने फिर से बबीता से पूछताछ की। तब बबीता ने अपना गुनाह कबूल किया और जो बताया
पति के व्यवहार से तंग आकर ऐसा किया…
बबीता ने बताया कि मैंने ही अपनी बच्ची को जिंदा कुएं में फेंक दिया। मैंने इसलिए ऐसा किया क्योंकि मैं अपने पति चंद्रप्रकाश यादव(28) के व्यवहार से तंग आ गई थी। बबीता ने बताया कि बचपन से मैं अपने बड़े पिता के यहां रही। इसलिए मेरा पति मुझे मेरे बड़े पिता से जमीन मांगने के लिए कहता था। मगर मैंने उसे इनकार कर दिया था। इस वजह से वह बार-बार विवाद करता था।
मैं तीसरे बच्चो को स्वीकार नहीं करूंगा..
आरोपी ने बताया कि हमारे पहले से ही 2 बच्चे हैं। जब मैं 3 महीने की गर्भवती थी। तब से मेरा पति मुझसे जमीन मांगने के लिए कहता रहता था। पर मैं मना कर चुकी थी। उस वक्त हम लोग पुणे में थे। मैं और मेरा पति दोनों वहां मजदूरी करते थे। लेकिन चंद्रपक्राश ने वहीं यह शर्त रख दी थी कि यदि तुम जमीन नहीं लोगी तो मैं यह तीसरे बच्चे को स्वीकार नहीं करूंगा। तुम्हें मेरी बात नहीं माननी तो तुम गर्भपात करा दो। इसी बात से परेशान होकर मैं वापस यहां गांव आ गई और बाद में राही यादव को जन्म दिया।
वापस आया तो बात तक नहीं की..
बबीता ने कहा कि मेरी बच्ची होने के बाद और अभी कुछ दिन पहले 15 अक्टूबर के आस पास मेरा पति घर आया था। लेकिव वो मुझसे बात ही नहीं करता था। राही को भी नहीं देखता था। मुझे ये खराब लगता था। इसके बाद चंद्रप्रकाश हमसे बिना बात किए ही वापस पुणे चला गया था। इसलिए मैंने 22 अक्टूबर की रात को अपनी बेटी को उठाकर कुएं में फेंक दिया। किसी को पता ना चले इसलिए भूत की कहानी भी सुनाई। आरोपी के इस बयान के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और सोमवार को पूरे मामला का खुलासा किया है।