दलित इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की ओर से मध्य भारत में पहली बार मेगा एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो किया जा रहा है। रवींद्र भवन में 9 अक्टूबर को होने वाले कॉन्क्लेव में देश के 2 हजार से अधिक एससी-एसटी कारोबारी, उद्यमी और स्टार्टअप शिरकत करेंगे। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री, राज्य के मंत्रीगण, विशेषज्ञ, सीआईआई और फिक्की से जुड़े बड़े उद्योगपति शामिल होंगे। मुख्यमंत्री चौहान देश के प्रख्यात एससी-एसटी कारोबारियों और उद्यमियों से चर्चा करेंगे। म.प्र. इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ मिल कर यह कॉन्क्लेव किया जा रहा है।
कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में एससी-एसटी उद्यमियों और युवाओं के लिए एक इकोसिस्टम तैयार करना है, जिससे वे आसानी से उद्यमिता के क्षेत्र में आ सकें। राज्य की एमएसएमई एवं स्टार्टअप नीति, स्व-रोजगार योजनाओं, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन, डेयरी और लाइवस्टॉक मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश से निर्यात के अवसर, हेल्थ केयर क्षेत्र की संभावनाओं, सोशल इन्क्लूजन और अफरमेटिव एक्शन जैसे विषयों पर चर्चा होगी। देश के प्रख्यात एससी-एसटी उद्योगपति और उद्यमी मध्यप्रदेश के उद्यमियों और युवाओं को बिजनेस लीडरशिप के टिप्स देंगे। शून्य से शिखर पर पहुँचे कारोबारी अपने अनुभव साझा करेंगे तथा प्रदेश के सफल उद्यमियों की सफलता की कहानियाँ प्रस्तुत की जाएंगी। एससी-एसटी उद्यमियों की यूनिट को राज्य के बड़े उद्योगों के साथ एंकर यूनिट के रूप में विकसित किया जायेगा।
युवा नौकरी देने वाले बनें – पद्मनर्रा
डिक्की के नेशनल प्रेसीडेंट पद्मरविकुमार नर्रा ने कहा है कि डिक्की का मकसद अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवाओं में व्यवसायिक नेतृत्व विकसित करना है। डिक्की के बैनर तले व्यवसाय एवं उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। जिससे वे देश की अर्थ-व्यवस्था में बहुमूल्य योगदान दे पाएँ। इतना ही नहीं ऐसी युवा प्रतिभाओं का समर्थन और उनके स्टार्टअप को सरकार की विभिन्न योजनाओं से सहायता प्रदान करने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। नर्रा ने कहा कि डिक्की की पहल पर अनेक राज्यों ने एससी-एसटी वर्ग के लिए विशेष उद्योग नीतियाँ बनाईं हैं, 16 साल से डिक्की 32 स्टेट चैप्टर और 7 इंटरनेशनल चेप्टर के साथ देश और विदेश में एससी-एसटी बिजनेस लीडरशिप तैयार करने के लिए प्रयास कर रहा है। डिक्की का लक्ष्य युवाओं को नौकरी देने वाले बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को नौकरियाँ नहीं दी जा सकती हैं, इसलिए उद्यमिता सबसे अच्छा विकल्प है।
डिक्की मध्यप्रदेश चेप्टर के प्रेसीडेंट डॉ. अनिल सिरवैया ने बताया कि 9 अक्टूबर को होने वाले कॉन्क्लेव में डिक्की के संस्थापक अध्यक्ष पद्मडॉ. मिलिंद कांबले सहित कई विशेषज्ञ बिजनेस और स्टार्टअप से जुड़ी अहम जानकारियाँ साझा करेंगे।