राजीव सेन और चारु असोपा के झगड़े में दोनों पक्षों के अलग-अलग वर्जन्स सामने आ रहे हैं। एक ओर चारु का कहना है कि राजीव उन पर शक करते हैं और धोखा दे रहे हैं। दूसरी ओर राजीव का कहना है कि चारु उन पर घटिया आरोप लगा रही हैं और उन्हें खुद ट्रस्ट इशूज हैं। चारु ने एक इंटरव्यू में बताया कि राजीव को शायद बचपन से कुछ समस्या है। वह हर किसी को लेकर उन पर शक करते हैं। चारु ने बताया कि ड्राइवर तक से उनका नाम जोड़ा था। जब चारु से पूछा गया कि इस विवाद पर राजीव की बहन सुष्मिता सेन का क्या कहना है तो उन्होंने उनका रिऐक्शन भी बताया।
ड्राइवर से भी अफेयर का शक
चारु असोपा मुंबई में घर लेकर अकेले शिफ्ट हो चुकी हैं। उनके साथ बेटी जियाना भी हैं। सिद्धार्थ कनन के शो पर चारु ने बताया कि राजीव उन पर बिना बात के शक करते हैं। घर पर कोई आया, उससे हाय-हेलो कर लिया तो भी दिक्कत है। कभी ड्राइवर से चक्कर चल रहा है मेरा… बेतुकी बातें करते हैं। चारु ने बताया कि उन्होंने मैरिज काउंसलर से अपॉइंटमेंट लिया लेकिन राजीव नहीं गए, उन्हें अकेले ही जाना पड़ा।
चारु ने यह भी बताया कि उनके रिश्ते की शुरुआत कैसे हुई। वह बताती हैं कि शादी से पहले चार महीने ही कोर्टशिप चला था। पहला मैसेज चारु ने राजीव को किया था। चारु बताती हैं, मैं उन्हें पहले से फॉलो करती थी। वह अपने परिवार के साथ जयपुर आए थे। मैंने उनको इंस्टाग्राम पर मैसेज किया, हमारे स्टेट में स्वागत है। उनका जवाब आया, मुंबई आओ फिर मिलते हैं। उसके बाद हम ओबरॉय मॉल में मिले और हमारी डेटिंग शुरू हो गई। चारु ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि शादी में जल्दबाजी कर दी।
बचपन से ही हैं ट्रस्ट इशूज
चारु ने बताया कि शादी के दूसरे दिन ही प्रॉब्लम आ गई थी। उन्होंने बताया कि वह ससुरालवालों के साथ मॉल में कॉफी पीने गई थीं। वहां एक प्रोड्यूसर मिल गए उन्होंने राजीव से चारु की तारीफ कर दी तो राजीव ने कई दिन उनसे बात नहीं की थी। बोलीं, धीरे-धीरे पता चला कि वह ऐसे ही हैं। पहले बात करना बंद कर दिया। फिर कमरे अलग हो गए, फिर घर छोड़कर जाने लगे। धीरे-धीरे दूरियां बढ़ती गईं। चारु ने बताया कि राजीव ने खुद बताया कि बचपन से ही उनमें ट्रस्ट इशूज हैं।
सुष्मिता ने दिया हमेशा साथ
चारु से जब पूछा गया कि क्या सुष्मिता सेन ने उन दोनों को बैठाकर नहीं समझाया। इस पर चारु ने बताया कि वह परिवार के सारे लोगों के साथ टच में हैं। सुष्मिता ने हमेशा कहा कि जिसमें तुम्हारी खुशी हो वो करो। चारु बोलीं, पेरेंट्स जरूर चाहते थे कि शादी नहीं टूटनी चाहिए। दीदी ने हमेशा कहा कि जिसमें खुश हो वैसे करो। मैंने कभी उन्हें परेशान नहीं किया कि हमारे घर में घुसकर राजीव को समझाओ। परिवार है तो उन्हें पता चल जाता है कि दिक्कते हैं। दीदी ने हमेशा कहा कि साथ रहकर खुश हो तो साथ रहो। अलग रहकर खुशी मिलती है तो अलग हो जाओ लेकिन खुश हो जाओ।