बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के साथ उपचार के नाम पर जो जानलेवा मजाक किया जा रहा है उसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कलई खोल कर रख दी है। यहां झाडू पोंछा करने वाला स्वीपर घायलों को एप्रेन पहनकर न सिर्फ डाक्टर की तरह देख रहा है, बल्कि मरीजों को टांके लगाने, इंजेक्शन लगाने का काम भी कर रहा है। खास बात यह है इस संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान अस्पताल में पदस्थ डाक्टर कहीं भी नजर नहीं आए। मरीज का उपचार करने के बाद स्वीपर यह तक कहना नजर आया है कि हम सभी मरीजों को टांके, इंजेक्शन लगाते हैं। डाक्टरों को तो कुछ आता ही नहीं है। वह तो इंजेक्शन तक नहीं लगा पाते, नकल करके पास हुए हैं।
दरअसल, टोरिया गांव का रहने वाला युवक अपने गाँव से बाइक पर सवार होकर बैराड़ की ओर आ रहा था. इसी दौरान बाइक फिसलने के चलते वह हादसे का शिकार हो गया था. घायल हरियान के पैर में गंभीर चोट आई है जिसके बाद उसे बैराड़ के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था.
उपचार के दौरान उसके पैर में टांके लगाए जाने थे. परंतु यह कार्य किसी नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर द्वारा ना करते हुए एक स्वीपर ने किया. परिजनों को जब शक हुआ तो उन्होंने एप्रिन पहने स्वास्थ्य कर्मी से घायल के लगाए जाने वाले टांको की संख्या के बारे में पूछ लिया. इस दौरान स्वीपर भरत बाल्मीकि का कहना था कि उसका कार्य सिर्फ टांके लगाना है ना कि उन्हें गिनना.
घायल के उपचार करने के बाद एप्रिन पहनकर स्वीपर स्वास्थ्य केंद्र के बाहर निकल गया. जब परिजनों ने और पड़ताल करना चाहिए तो इस दौरान उसे कुछ सवाल भी किए, जिसका परिजनों ने वीडियो बना लिया. उक्त वीडियो में स्वीपर भरत बाल्मीकि कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि अस्पताल में या तो वह टांके लगाता है या फिर अस्पताल में वार्ड बॉय. जब डॉक्टरों से यह कार्य ना किए जाने के बारे में पूछा तो स्वीपर भरत बाल्मीकि का कहना था कि डॉक्टर नकल करके पढ़ लिखकर आए हैं, ना ही उन्हें इंजेक्शन लगाना आता है और ना ही टांके, इसलिए उन्हें यह कार्य करना पड़ता है.
शिवपुरी सीएमएचओ डॉ पवन जैन से बात करने का प्रयास किया तो वह केमरे पर कुछ भी बोलने तैयार नहीं हुए है. उनका कहना था कि स्वास्थ्य केंद्र में यह कार्य करने का अधिकार नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों का होता है. अगर इस तरीके की लापरवाही बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र में बरती गई है तो वह अवश्य ही संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करेंगे.