केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है. क्रूड प्राइस में उल्लेखनीय कमी को देखते हुए सरकार ने विंडफॉल टैक्स को जीरो करने का ऐलान किया है. मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि 18 सितंबर से विंडफॉल टैक्स को शून्य कर दिया जाएगा. अब तक सरकार 1,850 रुपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से विंडफॉल टैक्स लगाया करती थी. इसमें लगातार कमी की जा रही थी.
ब्रेंट क्रूड की कीमत अब घटकर हुई 75 डॉलर प्रति बैरल
केंद्र सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स में हर पखवाड़े बदलाव किया जाता है. ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) प्राइस अब घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल रह गए हैं. इससे पहले अप्रैल में क्रूड प्राइस 92 डॉलर प्रति बैरल थे. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि डीजल, पेट्रोल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स को 1850 रुपये प्रति टन से घटाकर जीरो कर दिया गया है. नई दरें 18 सितंबर से प्रभावी होंगी.
इसलिए लगाया जाता है विंडफॉल टैक्स
क्रूड ऑयल पर ये टैक्स स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी (Special Additional Excise Duty) के तौर पर लगाया जाता है. इससे पहले 31 अगस्त को सरकार ने विंडफॉल टैक्स में बदलाव किया था. उस समय सरकार ने इसे 2100 रुपये प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 1850 रुपये प्रति मीट्रिक टन कर दिए था.
पहली बार 1 जुलाई, 2022 को लगा था यह टैक्स
देश में पहली बार 1 जुलाई, 2022 को क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो एनर्जी कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से होने वाले प्रॉफिट पर टैक्स लगाते हैं. शुरुआत में इसे सिर्फ देश के ऑयल प्रोड्यूसर्स पर लगाया जाता था. मगर, इसके बाद इसे पेट्रोल, डीजल और एटीएफ एक्सपोर्ट पर भी लगाया जाने लगा. सरकार विंडफॉल टैक्स को लगाकर प्राइवेट रिफाइनर्स को इन ईंधनों को विदेशों में ऊंची कीमतों पर बेचने से हतोत्साहित करना चाहती है. सरकार की कोशिश है कि प्राइवेट रिफाइनर्स घरेलू मार्केट में सप्लाई को प्राथमिकता दें.