सीएम की फटकार के बाद शहर में सड़कों के रेस्टोरेशन का काम तो शुरू हुआ, लेकिन इस काम में भी इंजीनियर खानापूर्ति कर रहे हैं। मेन रोड पर डामर से पैचवर्क किया जा रहा है, लेकिन सर्विस रोड अभी उपेक्षा का शिकार हो रही है। दरअसल भारत टॉकीज रोड सेंट्रल लाइब्रेरी की तरफ से जो रोड चौक बाजार की तरफ जाता है। उस सर्विस रोड पर बीएमसी के इंजीनियरों ने गड्ढों पर कच्चे मलबे की फिलिंग कर खानापूर्ति की है।
शहर की अन्य सर्विस रोड का भी यहीं हाल है। जहां डामर से पैचवर्क करने के बजाए उन पर कच्चा मलबा डाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार 10 करोड़ की लागत से सिर्फ कच्चे मलबे से फिलिंग की जा रही है। निगम चीफ सिटी इंजीनियर पीके जैन का कहना है सभी जगह निर्माण नहीं होगा, कुछ सड़कें बनाई जाएंगी और कुछ पर पैचवर्क होगा।
मलबे के कारण सड़कों पर उड़ रही धूल
उक्त सड़क पर रोजाना 30 हजार से अधिक वाहन निकलते हैं। क्षेत्रीय दुकानदार बताते हैं कि कच्चे मलबे के कारण दिनभर सड़क पर धूल उड़ रही है। जब यहां गड्ढों पर मलबा भरा जा रहा था, तब इसका क्षेत्रीय दुकानदारों ने विरोध किया था, लेकिन निगम के अफसरों से किसी की नहीं सुनी।
40 करोड़ से पिछले साल भरे गड्ढे
जलापूर्ति, गैस और सीवेज की पाइप लाइन बिछाने के कारण 1200 किलोमीटर सड़कों को खोदा गया था। बारिश के बाद हालात बिगड़े, निगम ने आनन-फानन में पैचवर्क और रेस्टोरेशन का काम शुरू करा। इस पर निगम 40 करोड़ रुपए खर्च किये थे। इस बारिश के बाद फिर सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं।
17 अक्टूबर को गड्ढों में भरा गया मलबा
इस रोड पर 17 अक्टूबर को कच्चा मलबा भर गया था। उक्त सड़क पर इतने अधिक गड्ढे हैं। इसके बावजूद यहां पर डामर से पैचवर्क नहीं किया गया। सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए गड्ढों को कच्चे मलबे से भरकर यूं ही छोड़ दिया है। इससे राहत मिलने के बजाए दुर्घटनाएं हो रही हैं।