कोलकाता: रिंकू सिंह (21 रन, 10 बॉल, 2 फोर, 1 सिक्स) के सुपर फॉर्म के सहारे कोलकाता नाइटराइडर्स ने सोमवार रात एक और रोमांचक जीत दर्ज की। पंजाब द्वारा दिए गए 180 रन के टारगेट का पीछा करते हुए कोलकाता की टीम को अंतिम चार ओवर में जीत के लिए 51 रन की दरकार थी। लेकिन रिंकू और धाकड़ आंद्रे रसेल (42 रन, 23 गेंद) की क्रीज पर मौजूदगी ने इसे मुश्किल लक्ष्य को आसान बना दिया। अगले दो ओवर में दोनों ने मिल कर 25 रन बनाए, जिससे अंतिम दो ओवर में उसे 26 रन की जरूरत थी।
खैर, यहां हैरान करने वाली बात यह है कि मौजूदा समय में दुनिया के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक लॉकी फर्ग्युसन को केकेआर ने प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा था। 10 करोड़ रुपये में वाले फर्ग्युसन जैसे खिलाड़ी के लिए किसी भी टीम से बाहर रखने का फैसला आसान नहीं होता। दूसरी ओर, मैच में एक और हैरान करने वाली बात देखने को मिली। बतौर ऑलराउंडर टीम में शामिल शार्दुल ठाकुर को एक भी गेंद फेंकने को नहीं मिली। शार्दुल बैटिंग करने उतरे, लेकिन उन्हें एक भी गेंद खेलने को नहीं मिली। बावजूद इसके केकेआर ने शानदार जीत दर्ज की।
मैच में ईडन गार्डंस के धीमी और स्पिनिंग ट्रैक पर कोलकाता नाइटराइडर्स के रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती (3/26) की फिरकी खूब चली, जिसकी वजह से कोलकाता ने मेहमान पंजाब किंग्स को 179/7 के स्कोर पर रोका। पंजाब का स्कोर बहुत ही कम हो सकता था अगर कप्तान शिखर धवन (57) ने दबाव में शानदार अर्धशतकीय पारी खेली नहीं होती। वरुण के अलावा अन्य स्पिनर्स ने भी उम्दा बोलिंग की। सुनील नरेन (0/29), सुयश शर्मा (1/26) और कप्तान नीतीश राणा (1/7) ने भी कसी हुई गेंदबाजी की।
आखिर के ओवर्स में ढीली गेंदबाजी का फायदा पंजाब ने उठा लिया। किंग्स ने शाहरुख खान (21* रन, 8 गेंद) और हरप्रीत बरार (17* रन, 9 गेंद) की बदौलत 32 रन बटोर कर टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। जवाब में कोलकाता की ओर से कप्तान नीतीश राणा (51) ने अर्धशतकीय पारी खेली और टीम को जीत दिलाकर प्लेऑफ की अपनी उम्मीदों को बनाए रखा।
मैच में एक और रोचक बात देखने को मिली। शिखर की क्रीज पर मौजूदगी नीतीश को परेशान कर रही थी। ऐसे में नीतीश ने खुद विपक्षी कप्तान को आउट करने का जिम्मा उठाया। कभी कभार गेंदबाजी कर लेने वाले नितीश अटैक पर आए तो शिखर ने इसे तेजी से रन बटोरने का मौका समझा, लेकिन शिखर अपने शॉट में इतनी ताकत नहीं भर पाए कि गेंद बाउंड्री पर खड़े वैभव अरोड़ा को पार कर सके। इसके साथ एक कप्तान ने दूसरे कप्तान का शिकार कर डाला।