नई दिल्ली। एम्स में पिछले कुछ महीनों में चार नामचीन डॉक्टर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर संस्थान छोड़ चुके हैं। उन्होंने ने निजी अस्पतालों का दामन थाम लिया। फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों का एम्स छोड़ने का सिलसिला रुक नहीं रहा है।
इसी क्रम में फैकल्टी स्तर के दो और वरिष्ठ डॉक्टर एम्स छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अपना आवेदन एम्स प्रशासन को भेज दिया है।
लिहाजा, एम्स में इन दिनों फैकल्टी स्तर के डॉक्टरों द्वारा सेवानिवृत्त से पहले एम्स छोड़ने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। एम्स प्रशासन मौजूदा व्यवस्था से मर्माहत डॉक्टरों को रोक पाने में नाकाम रहा है।
उल्लेखनीय है कि सबसे पहले डॉ. रणदीप गुलेरिया ने निदेशक पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। तब उनका कार्यकाल करीब डेढ़ वर्ष बचा हुआ था।
डॉ. एम श्रीनिवास के निदेशक नियुक्त होने के कुछ माह के उपरांत आर्थोपेडिक विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश मल्होत्रा व मेडिकल आंकोलॉजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल शर्मा ने एम्स छोड़ कर निजी अस्पताल ज्वाइन कर लिया। इसके बाद दो सप्ताह पहले न्यूरोलाजी की विभागाध्यक्ष डॉ. एमवी पद्मा ने एम्स छोड़ हैं। डॉ. राजेश मल्होत्रा और डॉ. एमवी पद्मा एम्स में निदेशक पद के भी दावेदार थे।
अब सर्जिकल आंकोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसवीएस देव और न्यूरो सर्जरी के एक धर फैकल्टी ने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। डॉ. एसवीएस देव कैंसर सर्जरी में बड़ा नाम है। यदि वह एम्स छोड़कर जाते हैं संस्थान के लिए बड़ा झटका होगा।