भोपाल
अगर किसी विद्यार्थी को गणति विषय से डर लगता है तो उसके लिए अगले सत्र से दो विकल्प होंगे। मप्र बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में सीबीएसई की तर्ज पर विद्यार्थियों के पास गणति के दो में से कोई एक प्रश्नपत्र देने का विकल्प होगा। अगर 11वीं में गणति विषय नहीं लेना है तो वे बेसिक गणति का पेपर देंगे और अगर आगे 11वीं में गणति विषय से पढ़ाई करनी है तो स्टैंडर्ड पेपर देना होगा। इससे विद्यार्थियों को अब गणति का पेपर कठिन नहीं लगेगा। यह नियम सीबीएसई में पिछले साल से लागू कर दिया गया है। वर्तमान में मप्र बोर्ड में गणति की परीक्षा स्टैंडर्ड लेवल पर होती है। इस कारण हर साल गणति विषय में अधिक विद्यार्थी फेल होते हैं। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 10वीं व 12वीं में के मूल्यांकन में भी कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत माशिमं सीसीएलई (कंटिन्यूअस एंड काम्पिहेंसिव लिर्नंग एंड इवेल्यूएशन) के तहत आंतरिक मूल्यांकन करेगा।
फॉर्म भरते समय चुनना होगा विकल्प
10वीं के विद्यार्थियों को फॉर्म भरते समय ही गणति के दोनों पेपर में से किसी एक का विकल्प चुनना होगा। तभी वे परीक्षा दे सकेंगे। अगर कोई विद्यार्थी बेसिक गणति चुनता है और पह परीक्षा पास कर लेता है। फिर उसे लगता है कि अब उसे आगे गणति विषय लेकर पढ़ाई करनी है तो उसे स्टैंडर्ड गणति का पेपर देना होगा। इस बार पहली बार 10वीं में तिमाही व छमाही परीक्षा से पांच-पांच अंक जोडे जाएंगे। ये अंक स्कूल द्वारा भेजे जाएंगे।