नई दिल्ली: इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनस समिट 2023 (ET Global Business Summit 2023) की शुक्रवार से शुरुआत हो गई। इस दो दिवसीय समिट की द टाइम्स ग्रुप मेजबानी कर रहा है। दिल्ली के होटल ताज पैलेस में इसका आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ईटी ग्लोबल बिजनस समिट (ET Global Business Summit) को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की समृद्धि में ही दुनिया की समृद्धि है, भारत की ग्रोथ में ही दुनिया की ग्रोथ है। भारत ने दुनिया को दिखा है कि आपदा को अवसरों में कैसे बदला जाता है। पिछले नौ वर्षों में भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, गरीबों तक उनका हक पहुंचाने, गांव- देहात में जरूरी सुविधाओं के निर्माण से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म की दिशा में वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में सरकार बनने के बाद तय किया था कि गवर्नेंस के हर सिंगल एलिमेंट को रीइमेजिन करेंगे, री- इन्वेंट करेंगे और इस मुहिम को कामयाबी के अलग स्तर तक पहुंचाया गया है।
28 लाख करोड़ रुपये किए गए ट्रांसफर
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से चार दशक पहले तब के पीएम राजीव गांधी ने कहा था कि वेलफेयर के लिए 1 रूपये दिल्ली से बेजते हैं तो 15 पैसा मिलता है। लेकिन हमारी सरकार अलग- अलग स्कीम के तहत डायरेक्ट स्कीम के तहत 28 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है। इस इशू को रीइमेजिन किया तो अब एक रूपया दिल्ली से निकलता है तो 100 के 100 पैसे जरूरतमंद के पास पहुंचते हैं। पीएम ने कहा कि कभी नेहरू जी ने कहा था कि जिस दिन हर भारतीय के पास टायलेट की सुविधा होगी, उस दिन हम जान जाएंगे कि देश विकास की एक नई ऊंचाई पर है। यानी नेहरू जी को भी समस्या का पता था लेकिन समाधान की तत्परता नजर नहीं आई। इस वजह से देश का बहुत बड़ा हिस्सा लंबे समय तक मूल सुविधाओं से वंचित रहा। 2014 मे जब हमें सेवा करने का मौका मिला तो देश के ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 40 पर्सेंट से भी कम था। लेकिन हमने इतने कम समय में दस करोड़ से ज्यादा शैचालय बनाए स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया। आज ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन करवेरज 100 पर्सेंट तक पहुंच गया है, यह भी रीइमेजिन का परिणाम है।
पीएम ने कहा कि 2014 में देश में 100 से ज्यादा ऐसे जिले थे, जिन्हें बैकवर्ड समझा जाता था लेकिन अब इन जिलों की तस्वीर बदल चुकी है। आजादी के 7 दशक के बाद भी हमारे देश में 3 करोड़ ग्रामीण घरों के पास ही टैप कनेक्शन था। 16 करोड़ ग्रामीण परिवार इससे वंचित थे। 8 करोड़ नए टैप कनेक्शन साढ़े तीन साल में दिए गए। इस समिट मे ंशामिल विशेषज्ञ भी इस बात को मानेंगे कि भारत की रैपिड ग्रोथ के लिए अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की ताकत को समझा नहीं नहीं गया था। हमारे यहां बांध बनते थे लेकिन कैनाल नेटवर्क नहीं था। भारत में पहली मेट्रो 1984 में शुरू हुई यानी हमारे पास तकनीक आ गई थी, विशेषज्ञता आ गई लेकिन फिर हुआ क्या, देश के ज्यादातर शहर मेट्रो से वंचित रहे। 2014 तक हर महीने आधा किमी के आसपास नई मेट्रो लाइन बना करती थी, उसके बाद मेट्रो नेटवर्क बिछाने की औसत छह किमी हर महीने हो चुकी है। अभी भारत मेट्रो लेंथ के मामले में दुनिया में पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है। आने वाले कुछ सालों में दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंचने वाले हैं।
हर रोज 5 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनें बिछ रहीं
पीएम मोदी ने कहा कि देश तरक्की की तेज रफ्तार पर है। आज भारत में 38 किलोमीटर पर डे की स्पीड से हाईवे बन रहे हैं। वहीं देश में रोजाना 5 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनें रोजाना बिछ रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में साढ़े तीन लाख किलोमीटर रूलर रोग बनाई गई हैं। करीब 80 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बने हैं। इन्हीं नौ वर्षों में तीन करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर बनाकर दिए गए हैं। ये आंकड़ा इतना बड़ा है कि दुनिया के कई देशों की आबादी भी इतनी नहीं है, जितने घर बनाकर गरीबों को दिए गए हैं। पीएम ने कहा कि भारत में पहली मेट्रो 1984 में शुरू हुई थी। लेकिन इसके बाद भी देश के ज्यादातर शहर मेट्रो से वंचित रहे। 2014 तक हर महीने आधा किलोमीटर तक ही नई मेट्रो लाइन बिछा करती थीं। लेकिन मौजूदा समय में देश में हर महीने करीब 6 किलोमीटर पर मंथ हो चुकी है। अभी भारत मेट्रो लेंथ के मामले में पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है। अब आने वाले कुछ महीनों में हम तीसरे नंबर पर पहुंचने वाले हैं।