वॉशिंगटन: मिट्टी की परत के नीचे जमी बर्फ और मिट्टी को पर्माफ्रॉस्ट कहते हैं। आर्कटिक का गर्म तापमान क्षेत्र में मौजूद पर्माफ्रॉस्ट को पिघला रहा है। इनके पिघलने से हजारों वर्षों से सोए हुए जानलेवा वायरस के जागने का खतरा है। ये इंसान और जानवर दोनों के लिए ही खतरा पैदा कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने अब एक 48 हजार साल पुराना वायरस खोजा है। पर्माफ्रॉस्ट किसी टाइम कैप्सूल की तरह होते हैं, जिसमें हजारों साल पुराने जीवों के शव और वायरस बचे हुए रह सकते हैं। पृथ्वी की बाकी जगहों की तुलना में आर्कटिक चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है, जिससे पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहे हैं। वैज्ञानिक मान कर चल रहे हैं कि इनमें जमे हुए वायरस फिर से जिंदा हो जाते हैं तो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा हो जाएगा।
2003 में खोजा था वायरस
2003 में उन्होंने पहला वायरस खोजा था। इस वायरस के आकार के कारण उन्होंने इसे ‘जायंट वायरस’ नाम दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे देखने के लिए एक सामान्य लाइट माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है। प्रोफेसर जीन के काम ने रूसी वैज्ञानिकों की एक टीम को भी इंसपायर किया, जिन्होंने 2012 में एक 30 हजार साल पुराना वायरस खोजा। 2014 में जीन ने फिर एक 30 हजार साल पुराने वायरस को खोजा और लैब में उसे जिंदा किया। हालांकि इस दौरान उन्होंने ध्यान दिया कि ये इंसानों या जानवरों के लिए खतरा साबित न हो। इसके बाद 2015 में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने एक वायरस को जिंदा किया है।
48.5 हजार साल पुराना वायरस खोजा
18 फरवरी को जर्नल वायरस में छपे अपने लेटेस्ट शोध में क्लेवेरी और उनकी टीम ने कई वायरस को फिर जिंदा किया, जो अमीबा कोशिकाओं को इनफेक्ट कर सकते हैं। पांच नए वायरस को उन्होंने खोजा है, जिनमें से सबसे पुराना 48,500 साल पहले का है, जो मिट्टी के नीचे मिला। मिट्टी की रेडियो कार्बन डेटिंग के आधार पर इनकी उम्र का पता चला। वहीं सबसे कम उम्र का वायरस 27,000 साल पुराना है, जो एक वुली मैमथ के अवशेषों के कोट में पाए गए थे। क्लेवेरी ने कहा कि अमीबा को संक्रमित करने वाले ये वायरस बड़ी समस्या का संकेत है। इन पर्माफ्रॉस्ट में पाए जाने वाले वायरस इंसानों के लिए भी खतरा हो सकते हैं। 2012 में वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि 300 साल पुराने एक महिला के ममीफाइड शव में स्मॉलपॉक्स के वायरस हैं। हालांकि वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि वायरस से छेड़छाड़ नई महामारी ला सकती है, जिसके बारे में आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।