विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और विशेष आहरण अधिकार में बढ़ोतरी होने से 22 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह चढ़कर 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 620.44 अरब डॉलर हो गया। इसी तरह इसके पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 9.11 अरब डॉलर बढ़कर 615.97 अरब डॉलर पर रहा था। रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 22 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 4.7 अरब डॉलर की बढ़त लेकर 549.75 अरब डॉलर हो गयी।
वहीं, इस अवधि में स्वर्ण भंडार 10.2 करोड़ डॉलर की कमी के साथ 47.5 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार में 40 लाख डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 18.33 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 12.9 करोड़ डॉलर की गिरावट लेकर 4.9 अरब डॉलर पर आ गई।
अब तक के सबसे टॉप लेवल से सिर्फ 25 अरब डॉलर दूर
अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया था। इस तरह 620 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर पर विदेशी , मुद्रा भंडार अपने शिखर से सिर्फ 25 अरब डॉलर दूर है। पिछले साल से दुनियाभर में हुई घटनाक्रम के चलते पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये को समर्थन देने के लिए बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया था। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में 57.634 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
22 दिसंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.898 अरब डॉलर बढ़कर 549.747 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है। हालांकि, रिजर्व बैंक के मुताबिक, स्वर्ण भंडार का मूल्य 10.7 करोड़ डॉलर घटकर 47.474 अरब डॉलर रह गया।