पाकिस्तान में पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदिया (Ahmadiyya) समुदाय के छह सदस्यों को कथित तौर पर खुद को मुसलमान बताने के आरोप में रविवार (20 अगस्त) को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तान में 1974 में हुए एक संविधान संशोधन के अनुसार, अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था.
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की गिरफ्तारी का विरोध किया है. जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने कहा कि कट्टरपंथी तहरीक लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ता क्षेत्र के लोगों को निर्दोष अहमदियों के खिलाफ भड़काने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने में सबसे आगे थे.
खुद को मुसलमान बताने पर हुए गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी अशफाक खान ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि अहमदिया समुदाय के छह लोग, जिनमें वजाहत अहमद कमर, शफीक आदिल, नासिर अहमद, मुदस्सिर अहमद, शिराज अहमद और उमर अहमद बाजवा शामिल थे. उन लोगों ने खुद को मुस्लिम बताया, जिसके बाद उनलोगों को गिरफ्तार किया गया है.
तहरीक लब्बैक पाकिस्तान (TLP) समूह से जुड़े लोगों ने दो ईसाइयों के खिलाफ ईशनिंदा का आरोप लगाया था. इसके बाद बीते बुधवार (16 अगस्त) को लाहौर से 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद की जरनवाला तहसील में लगभग 20 चर्चों और ईसाइयों के 80 से अधिक घरों को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया था.
अहमदिया समुदाय के लोगों पर अत्याचार
पाकिस्तान में पिछले महीने जुलाई के दौरान पाकिस्तानी पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के 600 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया था. कई अन्य लोगों को ईद उल अधा के दौरान नमाज अदा करने से रोक दिया गया था. पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के सदस्यों पर बहुत अत्याचार किया जाता है.
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें अपने घरों की चारदीवारी के भीतर भी अपनी आस्था का पालन पर रोका जाता है. पूरे पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय से जुड़े लोगों के घरों को निशाना बनाया जाता है और उनके घरों पर हमला किया जाता है.