नई दिल्ली: टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के तीसरे और अंतिम मुकाबले में जब वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत (317 रन) हासिल की तो एक बार फिर आकर्षण के केंद्र में विराट कोहली रहे। शतकों के बीच एक बार फिर लौटे प्लेयर ऑफ द सीरीज विराट ने पिछले चार वनडे में अपना तीसरा शतक जड़ा। यह वनडे इंटरनेशनल में उनका 46वां शतक है। उनके अलावा ओपनर शुभमान गिल (116 रन, 97 बॉल, 14 फोर, 2 सिक्स) ने अपने वनडे करियर का दूसरा शतक लगाया। इन दो जोरदार पारियों के दम पर भारत ने निर्धारित 50 ओवर में पांच विकेट पर 390 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 23 वर्ष पहले 2000 में मिली हार का बदला सूद समेत ले लिया। सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम में महान सचिन तेंदुलकर और वर्ल्ड कप विनिंग ऑलराउंडर युवराज सिंह जैसे धाकड़ खिलाड़ी थे। श्रीलंकाई टीम ने शारजाह में पहले बैटिंग करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 299 रन बनाए। सनथ जयसूर्या ने अपना सर्वोच्च स्कोर 189 रन इसी मैच में बनाया था। इसके जवाब में भारतीय टीम सिर्फ 54 रनों पर निपट गई थी। रॉबिन सिंह (11) ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके थे। चैंपियंस ट्रॉफी में 29 अक्टूबर को भारत को 245 रनों की विशाल हार मिली थी। यह उस समय का वर्ल्ड रिकॉर्ड था।
मोहम्मद सिराज ने श्रीलंकाई टीम को समेटा
इस मैच की बात करें तो विशाल टारगेट का पीछा करने उतरी मेहमान टीम पर भारतीय पेसर मोहम्मद सिराज कहर बनकर टूटे। पिछले कई मैचों से शुरुआती पावरप्ले में शानदार बोलिंग कर रहे सिराज ने एक बार फिर पहले पावरप्ले में अपने करियर का सबसे बेहतरीन स्पेल डाला और अपने पहले पांच ओवर में ही चार विकेट निकाल लिए। दस ओवर्स में 39 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद श्रीलंकाई टीम मुकाबले से पूरी तरह बाहर हो गई। सिराज के अलावा मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव ने भी दो-दो विकेट निकाले जिससे श्रीलंकाई टीम 22 ओवर में 73 रन पर ऑल आउट हो गई।
इससे पहले अपने कुल 74वें अंतरराष्ट्रीय शतक के दौरान आठ छक्के लगाए। यह किसी एक पारी में उनके द्वारा लगाए गए सर्वाधिक सिक्स रहे। करियर की दूसरी सर्वश्रेष्ठ पारी के दौरान कोहली ने गिल के साथ दूसरे विकेट के लिए 131 और श्रेयस अय्यर (38) के साथ तीसरे विकेट के लिए 108 रन की साझेदारी की। कोहली की पारी की बदौलत भारत अंतिम 11 ओवर में 126 रन जुटाने में सफल रहा।