नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर को अब किसी प्रोडक्ट का रिव्यू या ब्रैंडिंग करते समय यह बताना होगा कि इसके बदले कंपनी से पैसे तो नहीं लिए। यह भी बताना होगा कि कंपनी की तरफ से किसी तरह की सुविधा तो नहीं दी गई। उन्हें अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर जानकारी देनी होगी कि यह पेड है या नहीं। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मामले में नई गाइडलाइंस जारी की। इसके तहत किसी भी प्रोडक्ट का विज्ञापन या प्रचार करते समय गलत जानकारी देने या जानबूझकर छिपाने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। उपभोक्ता मामले के सचिव रोहित कुमार सिंह ने एनबीटी से बातचीत में कहा है कि नई गाइडलाइंस शुक्रवार से लागू हो गई है।
गाइडलाइंस में क्या है खास
-इन्फ्लुएंसर और सेलिब्रिटीज उन्हीं प्रोडक्ट्स को एंडोर्स करेंगे, जिनका खुद इस्तेमाल करते हों।
-यह बताना होगा कि एंडोर्समेंट के लिए फ्री प्रोडक्ट मिला है। कंपनी की ओर से गिफ्ट या ट्रिप्स वगैरह जैसी चीजें मिल रही है।
-कंपनी या प्रोडक्ट में हिस्सेदारी मिली है।
-यह भी बताना होगा कि क्या कंपनी या प्रोडक्ट से पारिवारिक संबंध है।