नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े दिल्ली-मुंबई ग्रीन कॉरिडोर 12 फरवरी से आम लोगों के खोला जाएगा। पहले इसका उद्घाटन 4 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले थे। लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है। इस हाइवे के शुरू होते ही दिल्ली से जयपुर और दौसा तक लोग अपने गाड़ियों के जरिए 2 घंटे में पहुंच सकेंगे। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर का 220 किलोमीटर हिस्सा शुरू हो रहा है। कॉरिडोर सोहना से ठीक पहले शुरू होगा और मुंबई तक जाएगा। अभी सोहना से दौसा वाला स्ट्रेच शुरू होने जा रहा है। कॉरिडोर के शुरू होने की पहले कई बार डेटलाइन मिस हो चुकी है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर का 4 फरवरी को प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कॉरिडोर के जरिए लोग दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंच सकेंगे।
दिल्ली से दौसा या जयपुर जाने के लिए दिल्लीवालों को धौला कुआं से एनएच-8 के जरिए होते हुए गुड़गांव के राजीव चौक एग्जिट नंबर 10 से सोहना रोड पर आना होगा। सोहना रोड पर टोल टैक्स के दो फ्लाईओवर बाद दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के लिए बाएं से मुड़ना होगा। अभी इस कॉरिडोर की यहां से एंट्री है। इसके अलावा भी कई और जगह से बाद में एंट्री होंगी।
जयपुर के लिए अभी लगेगा थोड़ा टाइम
दिल्ली से दौसा तक 220 किलोमीटर का सफर तो 12 फरवरी से शुरू हो जाएगा, लेकिन जयपुर के लिए इस कॉरिडोर पर 180 किलोमीटर तक जाना होगा। 180 किलोमीटर के बाद जयपुर के लिए एक 40 किलोमीटर लंबा लिंक रोड बन रहा है। करीब 5 महीने पहले ही इसका काम शुरू हुआ है। इससे बनने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। जैसे ही यह लिंक रोड शुरू हो जाएगा तो दिल्ली से जयपुर भी 2 घंटे के करीब में पहुंचा जा सकेगा।
देश का पहला ग्रीन कॉरिडोर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,380 किलोमीटर लंबा है। इस हाइवे पर करीब 1 लाख करोड़ की लागत आनी है। हाइवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से गाड़ियां चलेंगी और 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा। कॉरिडोर को 12 लेन का बनाने की योजना है। अभी तक पूरे वर्ल्ड में 12 लेन का इतना लंबा कॉरिडोर नहीं है। अभी यह हाइवे 8 लेन का है। हाइवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी जा रही है। जैसे ही इस हाइवे पर ट्रैफिक बढ़ेगा, दोनों ओर दो दो लेन और बना दी जाएंगी। इससे यह हाइवे 12 लेन का हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक हरियाणा में इस हाइवे की लंबाई 160 किलोमीटर है। हरियाणा के हिस्से पर 11 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के अन्य हिस्सों पर भी काम चल रहा है, कुछ पर काम खत्म भी हो गया है।
हाइवे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की अलग लेन होगी। इस हाइवे के शुरू हो जाने पर हर साल करीब 32 करोड़ लीटर फ्यूल की बचत होगी। इसकी वजह से सालाना करीब 85 करोड़ किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। हाइवे पर करीब 20 लाख पौधे लगाए गए हैं।
दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर 5 राज्यों से होकर गुजरेगा। इनमें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे इकनॉमिक हब के लिए भी शानदार कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा। इस कॉरिडोर के शुरू होने से बिजनेस कनेक्टिविटी बढ़ेगी और ट्रेड को बढ़ावा मिलेगा।