1 फरवरी 2023 को संसद के बजट सत्र में यूनियन बजट पेश किया गया। इसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि एंटरटेन्मेंट इंडस्ट्री को भी मूवी टिकट और ओटीटी सब्सक्रिप्शंस को लेकर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इसको लेकर अब फिल्ममेकर अशोक पंडित ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इंडस्ट्री को अनदेखा करने पर भारत सरकार को जमकर कोसा है।
फिल्म इंडस्ट्री भरती है सबसे ज्यादा टैक्स
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने न्यूज एजेंसी ‘एएनआई’ से बजट के बारे में बात करते हुए कहा, ‘हमारी इंडस्ट्री इस देश में सबसे बड़ी करदाता है। फिल्म इंडस्ट्री हर साल सबसे ज्यादा टैक्स भरती है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे मनोरंजन उद्योग को हमेशा से ही सभी सरकारों ने नेगलेक्ट किया है। बजट में जिस तरह से दूसरी इंडस्ट्रीज के बारे में बात की गई है, चाहे वह कपड़ा उद्योग हो, साबुन उद्योग हो या स्वास्थ्य उद्योग हो, हमारी इंडस्ट्री के बारे में कोई बात नहीं की गई।’
फिल्म इंडस्ट्री को किया गया अनदेखा!
फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन के अक्ष्यक्ष अशोक पंडित आगे कहते हैं, ‘जिस तरह से दूसरे उद्योगों की पहचान की जाती है और चर्चा की जाती है और उस उद्योग के फायदे के बारे में सोचा जाता है, कोई भी हमारे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के बारे में नहीं सोचता। कोई भी यह नहीं सोचता है कि इस इंडस्ट्री को कैसे बचाया जाए, इसे कैसे बढ़ाया जाए। हम इस देश के सबसे बड़े टैक्स पेयर्स हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमने घरों में बैठे लोगों का भी मनोरंजन किया है। बहुत से लोग हमारी वजह से मानसिक रूप से बीमार होने से बचे हैं।’
‘दाम घटे तो ज्यादा से ज्यादा लोग देखेंगे सिनेमा’
जानकारी के मुताबिक, सिंगल स्क्रीन थिएटर्स और मल्टीप्लेक्स के टिकट के दामों में बहुत अंतर है। ठीक इसी तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात करें तो इसका सब्सक्रिप्शन रेट भी काफी ज्यादा होता है। अगर इन्हें कम किया जाए तो ज्यादा से ज्यादा लोग फिल्मों की तरफ खिचेंगे और इससे सबको फायदा होगा। हालांकि, बजट में इन उम्मीदों पर पानी फिर गया।