इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आतंकवाद और जिहाद का जो गड्ढा खोदा था, आज वह खुद उसी में फंस गया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने खुद स्वीकार किया है कि मुजाहिदीन को तैयार करना और उनके साथ युद्ध में जाना एक सामूहिक गलती थी। नेशनल असेंबली में उन्होंने कहा कि हमें मुजाहिदीन बनाने की जरूरत नहीं थी। हमने मुजाहिदीन तैयार किए और फिर वे आतंकवादी बन गए। पाकिस्तान लंबे समय से दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों का पनहगार रहा है। नतीजतन अब उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है क्योंकि देश में आतंकी हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
‘अफगानिस्तान से आएगी पाकिस्तान में शांति’
आसिफ ने कहा कि महाशक्तियों के हाथों की कठपुतली बनने की हमारी इच्छा बहुत पुरानी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान अकेला है। उन्होंने कहा कि हालांकि वह अमेरिका के अच्छे संबंधों के पक्षधर हैं, लेकिन पाकिस्तान को वॉशिंगटन के इशारों पर और उसके हितों के लिए युद्ध नहीं लड़ना चाहिए। अफगानिस्तान के हालात पर बोलते हुए उन्होंने देश में सुधार और शांति की इच्छा जाहिर की क्योंकि ‘उसका असर पाकिस्तान पर भी दिखेगा।’
‘राजनीतिक ताकतों’ से एकजुट होने की अपील
पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि हम अफगानिस्तान में सुधार चाहते हैं। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शांति एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। पेशावर हमले की निंदा करते हुए पाक पीएम शहबाज शरीफ ने मंगलवार को सभी ‘राजनीतिक ताकतों’ से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। सोमवार को पेशावर की एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई थी और घायलों की संख्या इससे कहीं ज्यादा थी। मरने वालों में बड़ी संख्या पुलिसवालों और सैनिकों की थी।