नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया है, वह ऐसे हालात में बनाया गया, जब दुनियाभर में माहौल अनिश्चित सा दिख रहा हे और ग्रोथ रेट घट रही है। दूसरी ओर, भारत की अर्थव्यवस्था दमदार बनी हुई है और करीब सात प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है। टैक्स कलेक्शन का हाल अच्छा चल रहा है, प्राइवेट सेक्टर की बैलेंस शीट पर कर्ज घटा है और बैंकिंग सेक्टर में अच्छी-खासी पूंजी दिख रही है। यह आत्मविश्वास से भरी वित्त मंत्री की ओर से ऐसे देश का बजट है, जो उम्मीदों से भरा हुआ है।
राजकोषीय अनुशासन पर भी इस बजट में ध्यान बनाए रखा गया है। वित्त वर्ष 2024 के लिए फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत पर रखागया है। इस साल यह 6.4 प्रतिशत पर रहेगा, ऐसा बताया गया है। राजकोषीय अनुशासन से इस बात पर भरोसा होता है कि देश की बॉरोइंग कॉस्ट एक सीमा से बाहर नहीं जाएगी।
इस बजट में ग्रीन ग्रोथ पर बहुत जोर है। सभी सेक्टरों में टिकाऊ ग्रोथ पर फोकस किया गया है। एनर्जी ट्रांजिशन यानी प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के बजाय पर्यावरण संरक्षण में मददगार ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का आवंटन् किया गया है। इसके अलावा ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम की बात भी है। सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए ये पॉजिटिव कदम हैं।
भारत को इनोवेशन चेन में आगे बढ़ने की भी जरूरत है। ऐसा तभी होगा, जब सरकार और प्राइवेट रिसर्च एंड डिवेलपमेंट, शिक्षा जगत के लोग, स्टार्टअप्स और वेंचर कैपिटलिस्ट मिलजुलकर काम करें और इकोसिस्टम बनाएं।