इस्लामाबाद: पाकिस्तान की बर्बाद होती अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार और नीचे गिर गया है। विदेशी कर्ज की भरपाई के कारण पिछले सप्ताह 27 जनवरी तक इसमें 593 मिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। ये फरवरी 2014 के बाद सबसे कम है। पाकिस्तान के लिए ये बुरी खबर इसलिए भी है क्योंकि इससे वह सिर्फ 18 दिनों का आयात ही कर सकता है। पाकिस्तानी रुपए का भी लगातार गिरना जारी है।
पाकिस्तान में पहुंचा IMF का मिशन
जियो न्यूज ने बताया कि इस साल की शुरुआत से अब तक रुपये में 44.92 की गिरावट आई है। पूंजी बाजार विशेषज्ञ साद अली ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को सरकार की ओर से पेश की गई परिपत्र ऋण प्रबंधन योजना (सीडीएमपी) की अस्वीकृति के बारे में रिपोर्ट ने बाजार का विश्वास डगमगा दिया। उन्होंने कहा कि इन खबरों ने सरकार-आईएमएफ की चल रही वार्ता में अड़चन की संभावना के बारे में संदेह पैदा किया। आईएमएफ का एक मिशन इस समय पाकिस्तान में नौवीं समीक्षा के लिए बातचीत कर रहा है, जो 9 फरवरी तक जारी रहेगी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक कर्मचारी स्तर का समझौता होने की उम्मीद है।
IMF ने क्या रखी शर्तें
IMF ने सरकार द्वारा पेश सीडीएमपी को खारिज कर दिया है और चालू वित्तवर्ष के लिए अतिरिक्त सब्सिडी को 335 अरब रुपये पर सीमित करने के लिए अधिकारियों से बिजली शुल्क 12.50 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने के लिए कहा है। तकनीकी स्तर की वार्ता के दूसरे दिन, वाशिंगटन स्थित ऋणदाता ने संशोधित सीडीएमपी को ‘अवास्तविक’ करार दिया, जो कुछ गलत धारणाओं पर आधारित है। इसलिए सरकार को बिजली क्षेत्र में नुकसान को रोकने के लिए अपने नीतिगत नुस्खे में और बदलाव लाने होंगे। आईएमएफ और वित्त मंत्रालय राजकोषीय मोर्चे पर अंतर को दूर करेंगे, जिसके बाद आगामी मिनी बजट के माध्यम से विभिन्न अतिरिक्त कराधान उपायों को अंतिम रूप दिया जाएगा।