नई दिल्ली: फरवरी 2022 में रोहित शर्मा को टीम का कप्तान बनाए जाने के बाद से भारत ने सिर्फ पांच टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें से रोहित ने वास्तव में केवल दो में उनका नेतृत्व किया, जो पिछले साल फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ घर में ही खेला गया था। बाद में चोटों ने उन्हें जुलाई में इंग्लैंड में स्थगित पांचवें टेस्ट और दिसंबर में बांग्लादेश में दो टेस्ट मैचों की सीरीज से बाहर रखा। अब वह 9 फरवरी से शुरू हो रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे।
भारत अब 9 फरवरी से शुरू होने वाली बहुप्रतीक्षित चार मैचों की टेस्ट बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2023 में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करेगा। भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के रूप में 35 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिए यह एक बड़ी सीरीज होगी। उन्होंने कहा- यह पूरी तरह से रोहित के लिए एक बड़ी सीरीज है, क्योंकि जब भी वह अपने चरम पर थे तो दुर्भाग्य से चोटों ने 2015 से 2018 तक कई टेस्ट मैचों से बाहर कर दिया। 2018 में जब वह वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे तब भी उन्हें बाहर होना पड़ा था।
अक्टूबर 2019 में भारत के लिए ओपनिंग शुरू करने तक रोहित को टेस्ट क्रिकेट में बहुत कम सफलता मिली थी। उन्होंने भारत में 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-2 से बराबर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह उन कुछ बल्लेबाजों में से एक थे जो उस वर्ष की शुरुआत में इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान महत्वपूर्ण रन बनाने में सफल रहे थे।
उन्होंने कहा- रोहित ने ओपनर के रूप में हर परिस्थिति में खुद को ढालने में महारत हासिल कर ली है। इंग्लैंड के खिलाफ हमने देखा कि उनकी कितनी शानदार सीरीज थी। उन्होंने हर गेंदबाज की खबर ली थी। अब मुझे विश्वास है कि उसी तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ भी करेंगे। उनके पास स्किल है। वह स्विंग के खिलाफ भी दमदार प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने यह इंग्लैंड में किया भी था।
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