नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के तबादले से जुड़ी कलीजियम की सिफारिश को मंजूरी में देरी को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार को चेतावनी दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे लेकर प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है, जो सुखद नहीं हो सकती है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओका की बेंच ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा, ‘हमें कोई स्टैंड न लेने दें जो बहुत असुविधाजनक होगा।’ कोर्ट ने कहा, ‘जजों के तबादले को लंबित रखा जाना एक गंभीर मुद्दा है।’
13 दिसंबर, 2022 को शीर्ष अदालत के कलीजियम ने जस्टिस पंकज मिथल, संजय करोल, पी.वी. संजय कुमार, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और मनोज मिश्रा को प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी। इसी तरह, 31 जनवरी को, कलीजियम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट करने की भी सिफारिश की।
सुप्रीम कोर्ट न्यायिक नियुक्तियों के लिए समयसीमा का कथित तौर पर उल्लंघन करने को लेकर केंद्र के खिलाफ एडवोकेट्स असोसिएशन ऑफ बैंगलोर की तरफ से दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों के लिए कलीजियम की तरफ से भेजे गए नामों पर मुहर लगाने में देरी पर नाराजगी जताई थी।