अंकारा: सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से भारी तबाही देखने को मिली है। 7.8 तीव्रता का भूकंप आया है, जिसके कारण कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। खबर लिखे जाने तक 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग पांच हजार लोग दोनों देशों में घायल हैं। इस बीच भूकंप की भविष्यवाणी को लेकर बहस छिड़ गई है। ट्विटर पर कई यूजर्स का कहना है कि इस भूकंप की तीन दिन पहले ही भविष्यवाणी कर दी गई थी। एक वीडियो के मुताबिक भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करने वाले सोलर सिस्टम जियोमेट्री सर्वे के एक शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने इस बात की भविष्यवाणी की थी कि आज नहीं तो कल दक्षिण-मध्य तुर्की, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान के आसपास के इलाकों में 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा।
भूकंप की भविष्यवाणी की गई
फ्रैंक की भविष्यवाणियों ने इस बात पर बहस शुरु कर दी है कि क्या भूकंप का पता लगाने का कोई सटीक तरीका है? ट्विटर पर ReusVisser नाम के एक यूजर ने लिखा कि सीस्मोलॉजिस्ट समय-समय पर फ्रैंक की भविष्यवाणियों को भ्रामक और अवैज्ञानिक बताते हुए खारिज करते रहे हैं। क्योंकि भूकंप की भविष्यवाणी करने का कोई सटीक तरीका नहीं है। उन्होंने 2018 की एक खबर के बारे में भी बताया, जिसमें फ्रैंक को एक ‘भूकंप भविष्यवक्ता’ लिखा गया था और एक भूकंप की भविष्यवाणी की गई थी, हालांकि वह भविष्यवाणी सही साबित नहीं हुई थी।
फ्रैंक ने जताया दुख
भविष्यवाणी सच होने पर हूगरबीट्स ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘मध्य तुर्की में भूकंप आया है, जिससे प्रभावित सभी लोगों के लिए मेरा दिल दुखी है। जैसे कि मैंने पहले ही कहा था कि इस क्षेत्र में आज या कल ये होगा।’ हूगरबीट्स की भविष्यवाणियों ने यह सवाल उठाया है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी करने के लिए उनके तरीकों का इस्तेमाल होना चाहिए या नहीं?