मुंबई: पिछले कुछ सप्ताह से शेयर बाजार में भारी उठा-पटक का दौर चल रहा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों पर तो प्रभाव पड़ा ही है। मार्केट सेंटिमेंट का असर अन्य शेयरों पर भी दिखा है। इसलिए इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश करने वाले इनवेस्टर्स का रिटर्न प्रभावित हुआ है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि जिन इनवेस्टर्स ने मल्टी एसेट अप्रोच (Multi Asset Approach) को अपनाया है, उन्हें हाई वोलेटेलिटी में भी राहत मिलती है। आज हम यहां आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड की बात कर रहे हैं। इसकी स्थापना अक्टूबर 2002 में हुई थी। उस समय यदि किसी इनवेस्टर ने 10 हजार रुपये का सिप शुरू किया तो अभी उसका फंड वैल्यू 1.9 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है।
क्या है मल्टी एसेट फंड
किसी इनवेस्टर के लिए सभी एसेट क्लास में निवेश करने का सबसे आसान तरीका मल्टी-एसेट फंड है। इसके तहत एक सिंगल फंड में एक ही कैटेगरी फंड के जरिए तीन या अधिक एसेट क्लास में आवंटित करती है। यह वह जगह है जहां कोई मल्टी एसेट फंड तीन या अधिक एसेट क्लास में एक्सपोजर रखा गया है। इसके अलावा, स्कीम विभिन्न एसेट क्लास में जोखिम लेने के बाद भी इक्विटी टैक्सैशन को बनाए रखती है।
इस फंड के तहत कहां होता है निवेश
जैसा कि कैटेगरी के नाम से ही संकेत मिलता है, मल्टी असेट फंड के तहत कई जगह इनवेस्टमेंट किया जाता है। इस फंड के तहत इक्विटी में 10-80%, डेट में 10-35%, गोल्ड में 10-35% और REITs और InvITs में 0-10% निवेश किया जाता है। विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करने की इस तरह की स्ट्रेटेजी का उद्देश्य इक्विटी में निवेश करके पूंजी को बढ़ाना है। डेट में इसलिए निवेश किया जाता है ताकि वोलेटिलिटी की स्थिति में भी स्थिर और अच्छा रिटर्न अर्जित किया जा सके। सोने में निवेश करके इंफ्लेशन से लड़ने की ताकत हासिल की जाती है। इसके साथ ही आरईआईटी और इनविट्स में निवेश करके और कवर कॉल ऑप्शन को राइट कर यील्ड में बढ़ोतरी किया जाता है। इस कैटेगरी में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड का नाम बेहतर प्रदर्शन करने वालों में आता है।
निवेश के लिए मल्टी-एसेट अप्रोच क्यों है जरूरी
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) एस नरेन का कहना है कि मौजूदा दौर की कई चुनौतियां हैं। इस समय हाई इंफ्लेशन रेट तो है ही, ब्याज दरों में भी काफी बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही कम लिक्विडिटी, उच्च अस्थिरता (High Volatility) और भू-राजनीतिक चिंताओं (Geo-Political Concerns) के चलते हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में निवेश के लिए मल्टी-एसेट अप्रोच अपनाना जरूरी हो चला है। चूंकि इस फंड में ट्रेंड से हटकर काल लिए जाते हैं और उसमें एसेट्स का मिल जुला चुना किया जाता है। इसलिए, इसलिए यह फंड लगातार इस कटेगरी में टॉप प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है। एक साल के आधार पर देखें तो फंड ने 4.2% के क्लास बेंचमार्क के मुकाबले 11.3% का रिटर्न दिया है। साथ ही, यह फंड अपने अगले सर्वश्रेष्ठ परफॉरमेंस करने वाले अन्य फंड हाउसों से 6.5% आगे है, जो स्पष्ट रूप से मजबूत परफॉरमेंस दर्शा रहा है। तीन और पांच साल के आधार पर भी इस फंड ने क्रमशः 20.5% और 12.4% देने वाले अपने बेंचमार्क से बेहतर परफॉर्मेंस किया है।
एनएवी में 48 गुना की बढ़ोतरी
इस फंड की स्थापना साल 2002 के अक्टूबर में हुई थी। उसके बाद से इस स्कीम का एनएवी लगभग 48 गुना बढ़ गया है। अगर किसी इनवेस्टर ने स्थापना के बाद से इस फंड में 10 हजार रुपये का एसआईपी खुलवाया होगा तो अभी तक उनका 24.4 लाख रुपये का इनवेस्टमेंट हो चुका होगा। इसके मुकाबले इस समय उनका फंड वैल्यू 1.9 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस स्कीम ने 5-वर्ष और 10-वर्ष की अवधि में कभी भी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है। उपरोक्त आंकड़ों का स्रोत वैल्यू रिसर्च है, जो कि 31 जनवरी, 2023 तक की अवधि तक के लिए है।