वॉशिंगटन/बीजिंग: अमेरिका और चीन में जासूसी गुब्बारे को लेकर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। अब अमेरिका ने ऐलान किया है कि वो इस गुब्बारे से जुड़ी चीनी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की संभावना तलाश रहा है। ऐसे में कई चीनी कंपनियों के खिलाफ जल्द ही प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है। इस बीच अमेरिका संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन की निंदा का प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर अमेरिका के सभी सांसदों ने एकजुटता दिखाते हुए पक्ष में मतदान किया। इसके बाद चीन ने अमेरिका से इस प्रस्ताव की आलोचना की और कहा कि यह एक राजनीतिक हथकंडा मात्र है। अमेरिका ने इसे हौव्वा खड़ा करने के लिए प्रस्तुत किया है।
अमेरिकी प्रस्ताव पर भड़का चीन
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि चीन इससे पूरी तरह से असंतुष्ट है और इसका सख्ती से विरोध करता है। अमेरिकी कांग्रेस का प्रस्ताव पूरी तरह से राजनीतिक हथकंडा और हौव्वा खड़ा करने वाला है। इस बीच, चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन की वार्ता की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि अमेरिका ने वार्ता और आदान प्रदान के लिए उचित महौल नहीं बनाया।
चीनी रक्षा मंत्री ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से नहीं की बात
मंत्रालय के प्रवक्ता तान केफेई ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका की गंभीर कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कायदों का घोर उल्लंघन है और इसने अहितकर नजीर पेश की है। तान ने कहा कि अमेरिका के इस गैर जिम्मेदाराना और गलत रुख ने दोनों सेनाओं के बीच संवाद के लिए उचित माहौल नहीं बनाया है, इसलिए चीन अमेरिका के दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ”ऐसी स्थिति से निपटने के लिए चीन के पास जवाबी कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित है।”
चीन के खिलाफ प्रस्ताव पर सभी अमेरिकी सांसद एकजुट
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने गुरुवार को आम सहमति से प्रस्ताव किया जिसमें चीन की अमेरिकी की संप्रभुता के उल्लंघन और खुफिया जानकारी एकत्र करने की कोशिशों को लेकर अपने झूठे दावों के जरिये दुनिया को धोखा देने की निंदा की। रिपब्लिकन सांसदों ने यथाशीघ्र गुब्बारे को मार गिराने में कथित देरी को लेकर (अमेरिकी राष्ट्रपति जो) बाइडन प्रशासन की आलोचना की लेकिन प्रस्ताव के पक्ष में सभी एकजुट रहे और शून्य के मुकाबले 419 मतों से चीन की आलोचना करने वाले प्रस्ताव को पारित कर दिया।
गुब्बारे को लेकर दोस्तों को साध रहा अमेरिका
अमेरिका ने चीनी गुब्बारे को मार गिराने के बाद मलबे से मिली जानकारी को दुनिया के 40 देशों के साथ साझा किया है। खुद अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने अमेरिका में विदेशी राजदूतों को बुलाकर पूरी जानकारी दी। वहीं, बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी दोस्त देशों के 150 से अधिक राजनयिकों को आमंत्रित किया और गुब्बारे से जुड़े कई खुलासे किए। अमेरिका ने बताया कि यह गुब्बारा चीनी सेना के सर्विलांस सिस्टम का हिस्सा था। इसे जानबूझकर अमेरिका के ऊपर छोड़ा गया था।
अमेरिका ने गुब्बारे के बारे में क्या क्या बताया
अमेरिका ने बताया कि इस गुब्बारे में दिशा बदलने वाले प्रोपेलर लगे हुए थे। इसमें शक्ति प्रदान करने के लिए लगा सोलर पैनल किसी मौसम की जानकारी वाले गुब्बारे से कई गुना अधिक ताकतवर था। अमेरिका ने बताया कि इस गुब्बारे को हेनान प्रांत में स्थित चीनी सेना के एक फैसिलिटी से ऑपरेट किया जा रहा था। हालांकि, अमेरिका ने यह भी दावा किया कि इस गुब्बारे से उनके देश की कोई संवेदनशील जानकारी लीक नहीं हुई है। अमेरिका ने यह भी बताया कि चीन के पास इन गुब्बारे को ऑपरेट करने के लिए एक विशाल नेटवर्क है। जबकि, चीन जोर दे रहा है कि गुब्बारा असैन्य था और मौसम संबंधी जानकारी जुटाना मकसद था जो अपने रास्ते से भटक गया था लेकिन यह नहीं बता रहा कि गुब्बारा किसका था और विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर रहा है।