यह मासूम सी दिखने वाली बच्ची कौन है, बता सकते हैं? यह अपने जमाने की हाइएस्ट पेड एक्ट्रेसेस में शुमार थी। यही नहीं, इस बच्ची को बॉलीवुड की पहली ऐसी एक्ट्रेस बताया जाता है, जिसका पर्सनल बॉडीगार्ड था। क्या आप बता सकते हैं कि यह कौन है? चलिए थोड़ा सा हिंट और देते हैं। इस बच्ची ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 40 के दशक में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। देखते ही देखते यह बच्ची बड़े होने पर अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में छा गई थी।
मुमताज जहान बेगम दहलवी बनीं मधुबाला
Madhubala का बचपन का नाम मुमताज जहान बेगम दहलवी था। लेकिन जब वह फिल्मों में कदम रख रही थीं तो एक्ट्रेस देविका रानी ने उन्हें मधुबाला नाम दिया। बीस साल से भी लंबे करियर में मधुबाला ने 60 फिल्में कीं। बीमारी की वजह से मधुबाला की हालत खराब होती चली गई और फिर 1969 में उनका निधन हो गया। मधुबाला के दिल में बचपन से ही छेद था। इसकी वजह से मधुबाला का सांस लेने में तकलीफ होती थी। इलाज के बाद भी मधुबाला ठीक नहीं हो सकीं और चल बसीं।
परिवार को पसंद नहीं थी एक्टिंग
मधुबाला अपने भाई-बहनों में पांचवे नंबर पर थीं। उनका लालन-पालन दिल्ली में ही हुआ। चूंकि परिवार काफी रूढ़िवादी विचारों का था, इसलिए मधुबाला या उनकी कोई भी बहन स्कूल पढ़ने नहीं जा सकी। सिर्फ एक बहन जाहिदा ही पढ़ पाईं। मधुबाला को बचपन से एक्टिंग का शौक था। वह कोई भी सीन पकड़तीं और मां के सामने एक्टिंग करना शुरू कर देतीं। मधुबाला के अब्बू नहीं चाहते थे कि बेटी एक्टिंग में जाए। लेकिन मधुबाला ने तय कर लिया था कि करियर फिल्मों में ही बनाना है।
7 साल की उम्र में करियर शुरू, मिलता गया स्टारडम
मधुबाला ने फिर 7 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में खुर्शीद अनवर के कंपोजिशन गाने शुरू किए। फिल्मों में मधुबाला ने 1942 में डेब्यू किया और छा गईं। शुरुआत की फिल्मों में मधुबाला ने छोटे-मोटे रोल किए। लेकिन 1949 में आई फिल्म ‘दौलत’ में मधुबाला को करियर का पहला लीड रोल मिला। इसके बाद वह ‘नील कमल’, ‘लाल दुपट्टा’, ‘महल’, ‘दुलारी’, ‘शहंशाह’ और ‘नया दौर’ समेत कई फिल्में कीं। फिल्म ‘मुगले-ए-आजम’ मधुबाला के करियर में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने दिलीप कुमार से लेकर प्रेमनाथ के साथ कई फिल्में कीं।