देवास जिले के नेमावर से शुरू शुरू हुई पंचकोशी यात्रा ने शुक्रवार अल सुबह से जिले के जलोदा तट में प्रवेश कर लिया है। यात्रा में शामिल करीब 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को प्रशासन की टीम ने सुबह साढ़े छह बजे से देवास जिले के बिजलगांव से नाव के रास्ते हरदा जिले के ग्राम जलोदा के नर्मदा तट पर सुरक्षित पार करवाया गया है।
पंचकोशी यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए है।करीब 250 से अधिक पुलिसकर्मियों सहित होमगार्ड, एसडीईआईएफ,राजस्व विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
शुक्रवार सुबह से ही नर्मदा पार करने को लेकर भक्तों की कतार लग गई। जिसमें प्रशासन ने बड़ी नाव में 20 एवं छोटी नाव में 10लोगों को बैठाकर नर्मदा पार कराई गई है। मां नर्मदा की पंचकोशी यात्रा को लेकर जिले के लोगों में बड़ा उत्साह नजर आ रहा है।यात्रा में बच्चों, महिलाओं के साथ साथ बूजुर्गों ने भी शामिल होकर पैदल यात्रा की जा रही है।
ऐसी मान्यता है कि नर्मदा की पंचकोशी यात्रा करने से मनुष्य द्वारा किए पापों से मुक्ति मिल जाती है।पंचकोशी यात्रा के लिए ग्रामीण और शहर क्षेत्र के लिए श्रद्धालुओं भी पूरे रास्ते भजन कीर्तन करते चलते नजर आ रहे है।
जगह जगह भंडारे व स्वल्पाहार की व्यवस्था
नर्मदा नदी के किनारे हर दिन पांच कोश पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए जगह जगह भोजन एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है।जलोदा से लेकर हंडिया के बीच अलग अलग गावो में भक्तों के लिए पानी के साथ साथ भोजन की व्यवस्था भी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं ने की है।हंडिया के प्रसिद्ध शिवकरुणा धाम आश्रम में यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई है।
आज हंडिया में होगा रात्रि विश्राम
पंचकोशी यात्रा में शामिल पैदल यात्री शुक्रवार रात को हंडिया में विश्राम करेंगे।वही शनिवार सुबह महाशिवरात्रि की पूजा अर्चना करने के बाद हंडिया से उचान घाट के लिए रवाना होंगे।यहां रात्रि विश्राम के बाद रविवार सुबह नर्मदा पार के देवास जिले के राजोर घाट पर उतरेंगे।वही सोमवती अमावस्या पर यात्रा समाप्त होगी।