इस्लामाबाद : पाकिस्तान में लचर अर्थव्यवस्था ही इकलौती चुनौती नहीं है। बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी मुल्क बड़े संकट में है। पिछले महीने पेशावर की एक मस्जिद में जोरदार धमाका हुआ जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए। शुक्रवार को कराची पुलिस प्रमुख के ऑफिस पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने हमला बोल दिया। पाकिस्तान में आतंकी हमले तेजी से बढ़ गए हैं। यह वही आतंकवाद है जिसे पाकिस्तानी सेना और सरकार बरसों से बढ़ावा दे रही थी और भारत जैसे अपने पड़ोसियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही थी। अब ये आतंकी खुद उसी पर भारी पड़ रहे हैं। इन हालात की भविष्यवाणी अमेरिका की पूर्व विदेशी मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने 12 साल पहले ही कर दी थी।
पाक सुरक्षाबलों का सबसे बड़ा दुश्मन टीटीपी
पेशावर सुसाइड ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने स्वीकार किया था कि मुल्क को मुजाहिदीन तैयार नहीं करने चाहिए थे। उन्होंने इसे एक ‘सामूहिक गलती’ बताया था। पिछले साल टीटीपी ने पाकिस्तान सरकार के साथ अपने सीजफायर को खत्म करने का ऐलान किया था। उसने आतंकवादियों को देशभर में हमले करने का निर्देश दिया था। टीटीपी पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबलों को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। पेशावर और कराची हमले में आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था, जो पुलिस की वर्दी में आए थे।
कराची हमले में चार की मौत
चाहें 26/11 मुंबई हमला हो या पुलवामा ब्लास्ट, भारत में जब भी आतंकवाद हमले हुए, उनमें पाकिस्तान का हाथ रहा है। शुक्रवार को कराची में टीटीपी के आतंकवादियों ने पुलिस प्रमुख के ऑफिस को निशाना बनाया। करीब चार घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने इमारत को खाली करवा लिया। तीन आतंकवादियों ने खुद को उड़ा लिया और दो गोलीबारी में मारे गए। इस हमले में सुरक्षाकर्मियों सहित 4 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए।