नई दिल्ली : लालकिले पर हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी आरिफ के फांसी की संभावना बढ़ गई है। आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक को फांसी पर लटकाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन सक्रिय हो गया है। जेल प्रशासन की तरफ से निचली अदालत को पत्र लिखा गया है। पत्र के बाद अशफाक की फांसी की सजा का दिन मुकर्रर करते हुए उसके लिए डेथ वॉरंट जारी हो सकता है। खास बात है कि फिलहाल किसी भी अदालत में फांसी से संबंधित इसकी कोई भी याचिका विचाराधीन नहीं है। ऐसे में नजर डालते हैं उन आतंकियों के बारे में जिन्हें आतंक के मामले में फांसी की सजा हो चुकी है।
श्रीनगर जेल में सुरंग खोद भागा था भट्ट
मकबूल भट्ट जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तरहगाम गांव का रहने वाला था। उसने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, श्रीनगर से पूरी की थी। इसके बाद वहआगे की पढ़ाई के लिए पेशावर यूनिवर्सिटी चला गया था। उसके बाद वहीं से ब्रिटेन निकल गया। उसने बर्मिंगम में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ)की स्थापना की। बाद में उसने जम्मू कश्मीर नैशनल लिबरेशन फ्रंट (जेकेएनएलएफ) का भी गठन किया। इस संगठन ने भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले करने वाले प्रभावी संगठन के रूप में पहचान बनाई। 14 सितंबर 1966 को मकबूल और उसके साथी का भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला किया था। कोर्ट ने मकबूल को फांसी की सजा सुनाई थी। 1968 में भट्ट श्रीनगर जेल में सुरंग खोद पाकिस्तान भाग गया। बाद में 1974 में भारत आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। भट्ट को दिल्ली के तिहाड़ जेल में 11 फरवरी 1984 को उसे फांसी दे दी गई।
पुणे की यरवडा जेल में कसाब को फांसी
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को आतंकी हमले में शामिल अजमल आमिर कसाब को भी फांसी की सजा दी गई थी। आतंकी हमले के चार साल बात कसाब को पुणे की यरवडा जेल में 21 नवंबर 2012 को फांसी पर लटकाया गया था। अजमल को हमले के एक दिन बाद 27 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 30 नवंबर को कसाब ने पुलिस हिरासत में अपना गुनाह कबूल किया था। इसके बाद निचली अदालत ने कसाब को फांसी की सजा सुनाई जिसे 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। राष्ट्रपति के पास से दया याचिका खारिज होने के बाद कसाब को फांसी पर लटका दिया गया था।
संसद पर हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु
साल 2001 में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को भी फांसी पर लटकाया गया था। संसद पर हुए हमले में 14 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के दो दिन बाद ही अफजल गुरु को गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत ने अफजल गुरु को इस हमले का मास्टरमाइंड पाया। हमले के 11 साल बाद 9 फरवरी 2013 को उसे फांसी पर लटका दिया गया।
1993 मुंबई हमले में मेनन को मिली मौत
1993 में मुंबई में हुई सीरियल बम धमाकों में दोषी याकूब मेमन को साल 2015 में फांसी पर लटकाया गया था। इस सिलसिलेवार हमले में 257 लोगों की मौत हुई थी। याकूब मेमन पर धमाकों की साजिश के लिए पैसे जुटाने का आरोप था। मुंबई बम धमाकों में याकूब के परिवार के 4 लोग शामिल थे। इसमें मुख्य आरोपी याकूब मेमन का बड़ा भाई टाइगर मेमन भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट में रात भर चली सुनवाई के बाद 30 जुलाई 2015 को उसे फांसी पर लटकाया गया था। इससे पहले टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 को याकूब मेमन को दोषी करार दिया था।