नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के नेतृत्व में पार्टी का महाधिवेशन (Congress Adhiveshan) काफी अहम माना जा रहा है। इस अधिवेशन में पार्टी की सर्वोच्च इकाई कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) का चुनाव तय माना जा रहा है। यही नहीं, कहा जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को भी चुनाव के जरिए CWC में शामिल किया जा सकता है। 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी अपने सारे हथियार में धार देने की कवायद में जुटी हुई है। 80 साल के खरगे के जरिए पार्टी बड़े बदलाव के साथ मैदान में उतरना चाहती है। इस 85वें अधिवेश में पार्टी अपने नवनिर्वाचित अध्यक्ष खरगे के निर्वाचन पर मुहर लगाएगी।
क्या होता है कांग्रेस का अधिवेशन
खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार कांग्रेस का अधिवेशन हो रहा है। पिछली बार 2018 में दिल्ली में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। कांग्रेस के अधिवेशन में इसके सभी डेलीगेट्स को बुलाया जाता है। ये डेलीगेट्स ही CWC के सदस्यों का चुनाव करते हैं। इस बार के अधिवेशन में 15 हजार डेलीगेट्स को बुलाया गया है। कांग्रेस के संविधान के तहत CWC के कुल 25 सदस्यों में से 12 का चुनाव होता है। इसके अलावा 11 सदस्यों का पार्टी अध्यक्ष मनोनीत करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल का नेता CWC का स्वत: सदस्य बन जाते हैं। पार्टी हर दो साल या फिर समय-समय पर पार्टी का अधिवेशन करती रही है। इसमें पार्टी को मजबूत करने से लेकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाती है। इस अधिवेशन में 15 हजार कांग्रेस प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। पहले संचालन कमिटी की बैठक होती है, इसमें फैसला किया जाएगा कि CWC के चुनाव हो या नहीं। इसके अलावा पार्टी अगामी एजेंडा भी तय करती है।
अध्यक्ष खरगे को मिलेगा पूरा अधिकार
इस अधिवेशन के जरिए खरगे को पार्टी पूरे अधिकार से लैस कर देगी। कांग्रेस संविधान में अध्यक्ष के पास 11 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार होता है। आमतौर पर कांग्रेस के सदस्य आम सहमति से अध्यक्ष को CWC को गठन करने के लिए अधिकृत कर देते हैं। आखिरी बार 26 साल पहले 1997 में सीताराम केसरी की अध्यक्षता में कोलकाता अधिवेशन हुआ था और वहां CWC का चुनाव हुआ था। इससे पहले 1992 में पीवी नरसिम्हा राव की अध्यक्षता में तिरुपति अधिवेशन में CWC का चुनाव हुआ था। हालांकि, इन दोनों चुनाव में काफी घमासान देखने को मिला था। पार्टी के कई नेता इस बार चुनाव की बात कह चुके हैं। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि पार्टी इसके लिए तैयार है।
क्या चुनाव लड़ेंगे राहुल, प्रियंका?
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी में अलग-अलग सुर हैं। कुछ नेता राहुल गांधी को मनोनीत करने के पक्ष में हैं। वहीं प्रियंका गांधी को चुनाव के जरिए CWC में करने की बात कही जा रही है। हालांकि, इसे लेकर अभी सहमति नहीं बन पाई है। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पार्टी कैडर में जान फूंकी है, ऐसे में उनका मनोनयन तय माना जा रहा है। हालांकि, कहा जा रहा है कि इस अधिवेशन में गांधी परिवार का कोई सदस्य भाग नहीं लेगा।
एजेंडा क्या रहेगा
कांग्रेस के अधिवेशन में मुख्य मुद्दा तो मिशन 2024 ही रहेगा। इसके अलावा पार्टी इस साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य तय करेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे हिंदी भाषी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा माना जा रहा है कि इस अधिवेशन में पार्टी कई बड़ी घोषणाएं भी करेगी। केंद्र सरकार के सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को कांग्रेस बड़ा मुद्दा बनाएगी। इसके अलावा अधिवेशन में बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे भी छाए रहेंगे। अधिवेशन में 2024 आम चुनाव का रोडमैप भी तैयार होगा। पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने को लेकर भी अपना नजरिया पेश कर सकती है।