वॉशिंगटन: अमेरिका और रूस के तीन अंतरिक्ष यात्री धरती के सैकड़ों किलोमीटर ऊपर फंसे हुए हैं। इन अंतरिक्ष यात्रियों को पिछले साल सितंबर में छह महीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भेजा गया था। जब इस महीने ये अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर वापस आने की तैयारी कर रहे थे, तब एक माइक्रोमीटराइट (छोटे से धूमकेतु) ने उनकी यात्रा को रोक दिया। सुरक्षा कारणों से इन अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी को टाल दिया गया है। अब ये अंतरिक्ष यात्री इस साल सितंबर में धरती पर वापस लौटेंगे। ऐसे में इन अंतरिक्ष यात्रियों की जरूरत की चीजों को जल्द से जल्द रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
कौन-कौन से अंतरिक्ष यात्री फंसे
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों में रूस के सर्गेई प्रोकोपयेव, दिमित्री पेटेलिन और अमेरिका के फ्रांसिस्को रूबियो शामिल हैं। इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को पिछले साल सितंबर में पृथ्वी से 248 मील ऊपर छह महीने के मिशन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया था। हालांकि, अब वापसी के समय उनके रास्ते में मौजूद एक छोटे से कण से उनकी सवारी के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। इससे अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने वाले रॉकेट सोयुज एमएस -22 में रिसाव हो सकता है।
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कारण
इस मिशन को संचालित करन वाली रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे अंतरिक्ष यात्री सितंबर में अगली बार ठोस जमीन पर चलेंगे। रोस्कोसमोस ने अपने टेलीग्राम पेज पर लिखा कि अंतरिक्ष मिशन हमेशा अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जानलेवा आपात स्थिति का एक बड़ा जोखिम उठाते हैं। अंतरिक्ष यान या कक्षीय स्टेशन पर माइक्रोमेटोरॉयड प्रभाव पहले भी हुआ है, लेकिन सोयुज एमएस -22 के विपरीत, उनके इतने गंभीर परिणाम कभी नहीं हुए। आईएसएस पर वर्तमान में सात लोग मौजूद हैं।
नासा बोला- हम ऐसी परिस्थिति के लिए पहले से तैयार
नासा के आईएसएस ऑपरेशंस इंटीग्रेशन मैनेजर डायना कोंटेला ने कहा कि फ्रैंक और दिमित्री और सर्गेई के लिए योजना है कि वे घर आने तक कई और महीनों तक आईएसएस पर मौजूद रहें, शायद सितंबर के अंत तक। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी घटना है, जिसके लिए नासा हमेशा से तैयार रहता है। अंतरिक्ष स्टेशन पर ऐसी घटनाओं के लिए पूरी तरह से स्टॉक है, जहां अंतरिक्ष यात्री कई महीनों तक घर नहीं लौट सकते। माना जाता है कि उल्का के आकार के कारण अंतरिक्ष एजेंसी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती।