नई दिल्ली: भारत और चीन (India-China Relations) के तल्ख रिश्तों के बीच बुधवार को दोनों देशों के अधिकारियों की एक बैठक हुई है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के बीच दोनों देशों के बीच दो साल से ज्यादा वक्त से तनातनी का महौल है। कुछ दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि शांतिकाल के दौरान LAC पर भारत ने अबतक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती कर रखी है। बहरहाल, बुधवार को देनों देशों के राजनयिकों के बीच पेइचिंग में एक बैठक हुई है। इस बैठक में तनाव कम करने से लेकर डिसइंगेजमेंट को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, अभी कई मुद्दों पर बात आगे नहीं बढ़ पाई है।
सेना हटाने का मामला अभी भी लटका
पेइचिंग में हुई इस बातचीत में तनाव वाले इलाके से दोनों पक्षों के सेना हटाने का मुद्दा अभी भी हल नहीं हो पाया है। पेइचिंग में हुई इस बैठक में 2019 के बाद पहली बार आमने-सामने की राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई है। भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) इस बातचीत के लिए पेइचिंग गए थे।
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने एलएसी के पश्चिम इलाके की स्थिति पर चर्चा की। साथ ही सैनिकों को हटान के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। सरकार ने बताया कि इसी के जरिए एलएसी पर तनाव घटेगा और शांति स्थापित होगी। एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में तनाव घटने से ही दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध बहाल होने में मदद मिलेगी।
सरकार ने बताया कि LAC पर शांति स्थापित करने और मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने के लिए दोनों पक्ष 18वीं राउंड की बातचीत जल्द ही करने का फैसला किया है। चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सकारात्मक रही। चीन ने बताया कि गलवान घाटी और एलएसी पर अन्य चार जगहों पर मौजूद दोनों देशों की सेनाओं को डिसइंगेजमेंट के मुद्दे पर भी सकारात्मक बात हुई है। बैठक में इस मुद्दे पर एक-दूसरे के विचार भी जाने गए। बैठक में चार प्वाइंट की सहमति पर पहुंचा गया।
सरकार ने बताया कि LAC पर शांति स्थापित करने और मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने के लिए दोनों पक्ष 18वीं राउंड की बातचीत जल्द ही करने का फैसला किया है। चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सकारात्मक रही। चीन ने बताया कि गलवान घाटी और एलएसी पर अन्य चार जगहों पर मौजूद दोनों देशों की सेनाओं को डिसइंगेजमेंट के मुद्दे पर भी सकारात्मक बात हुई है। बैठक में इस मुद्दे पर एक-दूसरे के विचार भी जाने गए। बैठक में चार प्वाइंट की सहमति पर पहुंचा गया।
जानिए किन 4 मुद्दों पर बनी सहमति
चीन ने बताया कि जिन चार मुद्दों पर सहमति बनी उनमें से पहला था, दोनों देशों के नेताओं के बीच सीमा पर शांति स्थापित करने की सहमति को लागू करने का फैसला।
दूसरा, दोनों पक्षों ने आपसी बातचीत के परिणाम को सख्ती से लागू करने की बात कही। साथ ही इस बात पर बल दिया गया कि आपसी सहमति को बनाए रखा जाएगा और सीमा पर तनाव को कम किया जाएगा। साथ ही LAC पर शांति बनाई रखी जाएगी।
तीसरा, दोनों पक्ष पिछली बार की सहमति के आधार पर बीच-बीच में लगातार मिलना जारी रखेंगे ताकि भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर के विवाद का ऐसा समाधान निकाला जाए जिसपर दोनों पक्ष राजी हो। इसके अलावा बातचीत के दौरान भारत और चीन सीमा तनाव दूर करने के अन्य उपायों पर भी चर्चा की।
चौथा, दोनों देशों ने आपसी कम्युनिकेशन को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही 18वें राउंड के कमांडर लेवल बातचीत जल्द से जल्द कराने पर सहमत हुए।
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