नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) के खुलासे के बाद से अडानी समूह को बड़ा झटका लगा है। गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाली कपनी अडानी ग्रुप के शेयरों से दाम 80 से 85 फीसदी तक गिर गए हैं। अडानी के शेयरों में गिरावट के कारण केवल उन्हें ही नहीं उनके निवेशकों को भी झटका लगा है। अडानी समूह के बड़े निवेशकों में से एक देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) को बड़ा नुकसान हुआ है। अडानी समूह को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर के खुलासे के कारण कंपनी का मार्केट वैल्यू 135 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। जिसका नुकसान अडानी के निवेशकों को भी हुआ है।
LIC को झटका, डूबे करोड़ों
30 जनवरी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद LIC ने बताया कि अडानी समूह में 35917 करोड़ रुपये का निवेश है। एलआईसी के मुताबिक अडानी समूह की कंपनियों में 30127 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी में है। 27 जनवरी को इसका मार्केट वैल्यू 56142 करोड़ रुपये का था। इसी निवेश का कुल वैल्यू 23 फरवरी तो गिरकर 27000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अडानी के शेयरों में लगातार हो रही गिरावट के कारण LIC को 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। शुक्रवार को एलआईसी के शेयरों में गिरावट आई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से LIC के शेयर 17 फीसदी तक गिर चुके हैं। एलआईसी के शेयर 585.05 रुपये पर पहुंच चुके हैं।
अडानी में कितना निवेश
एलआईसी के पास अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 4,81,74,654 शेयर हैं। दिसंबर 2022 तक एलआईसी के पास अडानी पोर्ट्स में 9.14 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी, अडानी ग्रीन में 1.28 फीसदी और अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी हिस्सेदारी थी। 30 सितंबर 2022 तक एलआईसी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 41.66 लाख करोड़ रुपये थे। इसके हिसाब से देखें तो यह निवेश एक फीसदी से भी कम है। अडानी समूह में एलआईसी के वैल्यू के बारे में बात करें तो अडानी पोर्ट्स में 11036 करोड़, अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 4940 करोड़ रुपये, अडानी टोटल में 4940 करोड़, अडानी ट्रांसमिशन में 2899 करोड़ रुपये है। इसके अलावा अडानी ग्रीन, एसीसी, अंबुजा सीमेंट में इनका निवेश क्रमश: 987 करोड़, 2083 करोड़ और 4333 करोड़ है।
क्या एलआईसी पॉलिसी धारकों का क्या
एलआईसी ने अडानी समूह में अपने निवेश को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि अडानी ग्रुप में उनका निवेश जस का तस रहेगा। एलआईसी ने कहा था कि हम बीच-बीच में अडानी समूह के मैनेजंटमेंट से संपर्क करेंगे, ताकि उसने बिजनेस प्रोफाइल की जानकारी दी जा सकें। उन्होंने कहा कि हम ये समय-सयम पर जानने की कोशिश करते रहेंगे कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हुए नुकसान से निपटने के लिए वो क्या कदम उठा रहे हैं। अब एलआईसी के बीमाधारकों की बात करें तो देशभर में LIC पॉलिसी होल्डर्स की संख्या 29 करोड़ से अधिक है। एलआईसी का चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ तेज बढ़ोतरी के साथ 8334.2 करोड़ है। इससे पहले सितंबर तिमाही में LIC का मुनाफा 15952 करोड़ रुपये रहा। दिसंबर 2022 को खत्म हुए तिमाही में LIC का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 44.34 लाख करोड़ रुपये था। एलआईसी ने अपने बयान में कहा था कि उसने अपने कुल एसेट्स एंडर मैनेजमेंट में से सिर्फ 1 फीसदी हिस्सा अडानी समूह में निवेश किया है। अडानी के अलावा उन्होंने देश की बड़ी कंपनियों में निवेश किया है। दिसंबर 2022 में जारी किए गए तिमाही नतीजों के मुताबिक शेयर मार्केट में एलआईसी का निवेश 10.91 लाख करोड़ रुपये है। एलआईसी के बीमाधारकों की बात करते हैं।
क्या होगा LIC बीमाधारकों का
अडानीसमूह को लगे झटके का बीमाधारकों पर कैसे असर पड़ेगा, इसे थोड़ा साधारण भाषा में समझते है। किसी को घाटा या मुनाफा तब तक नहीं होता, जब तक वो शेयर को बेचता नहीं है। LIC ने अडानी के शेयर्स में पैसा लगाया है। आज अडानी के शेयर के दाम गिर रहे है, तो एलआईसी को नुकसान हो रहा है। चूंकि LIC ने अभी अडानी के कोई शेयर बेचे नहीं है इसलिए अभी घाटे की बात नहीं की जा सकती। आप जब कोई पॉलिसी खरीदते हैं तो आपसे लिए गए प्रीमियम के पैसों को बीमा कंपनियां मार्केट में लगाती है। वहां से मुनाफा कमाकर वो आपके क्लेम का सेटलमेंट करती है। चूंकि बीमा कंपनियों के साथ क्लेम लौटाने की रफ्तार कम होती है, इसलिए वो मार्केट में लॉग टर्म निवेश पर फोकस करती है। इसलिए तो बीमा कंपनी हमेशा चाहती है कि आप लंबी अबधि वाला प्लान चुनें। आपकी उम्र लंबी हो। जितने दिन तक आपका पैसा उनके पास होगा, वो उससे कमाई करते रहेंगे।