इंदौर में महापौर कुश्ती के दौरान एक पहलवान के कोच की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। बाद में जब पहलवान को इस बात की जानकारी लगी तो उसने अस्पताल से फाइनल कुश्ती लड़ने से इंकार कर दिया। बाद में दूसरे पहलवान को विजेता घोषित कर दिया गया।
संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी के मुताबिक इंदौर के छोटा नेहरू स्टेडियम में महापौर केसरी के लिये कुश्ती खेली जा रही थी। इस दौरान सेमीफाइनल मुकाबले में आजिम नाम के पहलवान को रेहान नाम के पहलवान ने हराकर कुश्ती के फाइनल में प्रवेश किया था। इस दौरान वहां मौजूद रेहान के कोच अमरदीप (40) पुत्र सत्यनाराण खुशी से झूम उठे। तभी उनके सीने में जोरदार दर्द हुआ। वहां मौजूद लोगों ने अमरदीप को संभाला ओर एंबुलेंस से एमवाय अस्पताल भेजा। जिसके बाद यहां अमरदीप को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
कोच की मौत के बाद पहलवान ने नहीं खेला फाइनल
जानकारी के मुताबिक रात में रेहान को जानकारी लगी कि उसके कोच अमरदीप की अस्पताल में मौत हो चुकी है। उन्होंने दु:खी होकर फाइनल खेलने से इनकार कर दिया। इसके बाद राज संगाते को महापौर केसरी घोषित किया गया। अमरदीप चार दिन पहले इस आयोजन के चलते ग्वालियर से इंदौर आए थे। वह छोटी ग्वाल टोली इलाके में रुके हुए थे। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है।
रोहित ने प्रबल दावेदार लेकिन रेहान के आजम को हराते ही खुशी से उछले
कुश्ती देखने आए अन्य पहलवान ने बताया कि इंदौर के रोहित यादव इस कुश्ती के लिये पहले दावेदार माने जा रहे थे। सेमीफाइनल के पहले मुकाबले में आजिम खान ने रोहित यादव को हरा दिया था। सेमीफाइनल में उनके शिष्य रेहान से आजिम का मुकाबला होना था। इस दौरान काफी देर तक दोनों की मिट्टी में जोर आजमाइश चलती रही। तभी एक दांव में रेहान ने आजिम को हरा दिया। जिसके बाद अमरदीप हाथों से ताली बजाते हुए खुशी से उछले ओर पीछे की तरफ गिर गए। कुछ ही देर में बेहोश हो गए। तभी साथी उन्हें उठाकर अस्पताल ले गए थे।
पहलवानी के बाद खेती करने लगे थे अमरदीप
अमरदीप मूल रूप से ग्वालियर के पास एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने ग्वालियर से कुश्ती सीखते हुए कई अवार्ड भी जीते थे। कुश्ती छोड़ने के बाद वह परिवार की पुश्तैनी जमीन पर खेती करने लगे थे। उनके परिवार में एक बेटी है। वही भाई और माता-पिता हैं। पुलिस के मुताबिक साथी शव को लेकर ग्वालियर जाएंगे। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।