नई दिल्ली : जानी-मानी साइबर सिक्योरिटी फर्म में काम करने वाली इला काफी दिनों से कार खरीदने की सोच रही है। छोटी उम्र से ही उसका सपना रहा है कि खुद अपनी कमाई से कार खरीदेगी। एक अच्छी कार चुनना भी बड़ा मुश्किल काम है। काफी देखने के बाद बेहतर कंफर्ट और अच्छे सेफ्टी फीचर्स वाली 20 लाख रुपये कीमत की एक कार उसे पसंद आई। लेकिन इतना पैसा तो है नहीं जो कैश में कार खरीदी जा सके। इला अपना एक-एक पैसा सोच समझकर खर्च करती है। वह परेशान है। मार्केट में कार लोन्स (Car Loan) के कई ऑप्शंस हैं। उसे समझ नहीं आ रहा कि उसके लिए बेस्ट क्या रहेगा। कितना डाउन पेमेंट करे, ईमआई कितनी हो, कितने साल का लोन ले… ये सारे सवाल इला के दिमाग में चल रहे हैं। तो आइए इला और ऐसे हजारों लोगों की मुश्किल को दूर करते हैं।
20/4/10 का रूल आएगा काम
पैसो से जुड़े लेनदेन में फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के बनाए कुछ रूल्स काफी लोकप्रिय हैं। कार खरीदने में भी ऐसा ही एक रूल है। यह है 20/4/10 का नियम। यह रूल आपको यह भी बताएगा कि आपकी पसंदीदा कार की खरिदारी कितनी सही है या आपको कार खरीदने से पहले कुछ और करना चाहिए।
क्या है 20/4/10 रूल?
यह रूल आपको बताता है कि आप किसी कार को तब अफोर्ड कर सकते हैं, जब आप इन तीन जरूरतों को पूरा करते हों:
1. कार खरीदते समय आप 20 फीसदी या इससे अधिक का डाउन पेमेंट कर सकते हों। रूल के अनुसार एक ग्राहक को कार लोन लेते समय कम से कम 20 फीसदी रकम डाउन पेमेंट में देनी चाहिए।
2. आप 4 साल या इससे कम अवधि के लिए कार लोन ले सकते हैं। रूल के अनुसार लोन की अवधि अधिकतम 4 साल होनी चाहिए।
3. आपकी कुल ट्रांसपोर्टेशन लागत (कार की ईएमआई सहित) आपकी मंथली सैलरी की 10 फीसदी से कम होनी चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन लागत में ईएमआई के अलावा फ्यूल और मेंटेनेंस का खर्चा भी शामिल होता है।
रूल को फोलो करने में मदद करेंगे ये टिप्स :
1. जितना ज्यादा हो सके डाउन पेमेंट करें।
2. अपग्रेडेड मॉडल खरीदने की बजाय कार का बेस मॉडल खरीदें।
3. पिछले साल की बची हुई नई कार इन्वेंट्री पर विचार करें।
4. एक नई कार खरीदने की बजाय यूज्ड कार खरीदें।
5. अपनी मौजूदा कार को अधिक समय तक अपने पास रखें और नई कार के लिए बचत करें।