इंदौर: रविचंद्रन अश्विन के होलकर स्टेडियम में टेस्ट मैचों में शानदार रेकॉर्ड को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बेहद जोखिम भरे स्वीप शॉट खेलने की अपनी रणनीति पर पुन: विचार कर सकते हैं। इस रणनीति के चलते पहले दो मैचों में मेहमान टीम को हार का सामना करना पड़ा था। अश्विन ने इस मैदान पर दो टेस्ट मैच में 12.5 रन प्रति विकेट के प्रभावशाली औसत से 18 विकेट लिए हैं।
स्मिथ, ख्वाजा दिखे चिंतित
स्मिथ और उस्मान ख्वाजा नेट पर सबसे पहले आए और नाथन लियोन तथा मैथ्यू कुनेमान के खिलाफ एक घंटे से अधिक समय तक बल्लेबाजी की। लियोन ने ख्वाजा और स्मिथ दोनों को परेशान किया जबकि दोनों अपने डिफेंस को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध दिखे। अधिकांश बड़े शॉट अनुभवहीन कुनेमान पर खेले गए। सभी बल्लेबाजों के प्रैक्टिस करने के बाद स्मिथ और ख्वाजा दोबारा नेट पर लौटे। ख्वाजा के अलावा स्वीप का अभ्यास करने वाले अन्य बल्लेबाज एलेक्स कैरी थे जो एक ही तरह का शॉट खेलते हुए चार बार आउट हो चुके हैं। मार्नस लाबुशेन, ट्रेविस हेड और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी और लेग स्पिनर मिचेल स्वेपसन का सामना किया जो अपने बच्चे के जन्म के बाद टीम के साथ फिर से जुड़ गए हैं।
अंगुली में चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क तीसरे टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में नियमित कप्तान पैट कमिंस की जगह लेंगे जो ऑस्ट्रेलिया में अपनी बीमार मां के साथ हैं। स्टार्क ने कैमरुन ग्रीन को करीब एक घंटे तक गेंदबाजी की और अच्छी गति हासिल की। लांस मॉरिस ने उनके साथ गेंदबाजी की और ग्रीन को कई मौकों पर अपनी गति और मूवमेंट से छकाया। सेशन में बाद में गेंदबाजी करने वाले ग्रीन अंगुली की चोट के कारण पहले दो टेस्ट से बाहर रहने के बाद सीरीज में अपना पहला टेस्ट खेलने की तैयारी कर रहे हैं। कमिंस और डेविड वॉर्नर के बाहर होने के बाद ग्रीन और स्टार्क उनकी जगह लेने के लिए स्वाभाविक विकल्प हैं।
खेलने को तैयार स्टार्क
ऑस्ट्रेलिया के सीनियर तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क चोट से अब तक शत प्रतिशत नहीं उबरे हैं लेकिन तीसरे टेस्ट में प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। हालांकि कुछ समय तक थोड़ा असहज रहूंगा। गेंद हाथ से अच्छी तरह से निकल रही है और मैं पूरी जान लगाकर गेंदबाजी कर रहा हूं। यह पहला टेस्ट नहीं है जो मैं थोड़ा असहज होने के बावजूद खेलूंगा। अगर मैं शत प्रतिशत फिट होने पर ही खेलता तो मैं पांच से 10 टेस्ट ही खेल पाता।’