अपने सपनों को पूरा होते देखना किसी चमत्कार से कम नहीं है। ये कहानी है श्रीमती सुंदरा एक मध्यम वर्गीय कृषक परिवार जो कि जनपद पंचायत गीदम के अंतर्गत ग्राम पंचायत गुमड़ा के पटेलपारा की निवासी है सुंदरा अपने परिवार की जीवन यापन के लिए कृषि एवं मजदूरी पर निर्भर रहती है। कुछ समय पूर्व पति की असमय मृत्यु होने हो जाने से घर एवं एकमात्र पुत्री की संपूर्ण जिम्मेदारी सुंदरा के कंधे पर आ गयी। घर में अन्य पुरुष सदस्य न होने एवं खेती से जीवन यापन सही तरीके से नहीं चलने के कारण सुंदरा के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिससे उसकी अपने स्वर्गीय पति के साथ संजोये स्वयं के पक्के आवास का सपना पूर्ण करना असंभव प्रतीत हो रहा था तथा वह जर्जर कच्चा एवं घास फूस से बने घर में निवास करने में विवश थी।
इसी बीच केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बारे में पता चला योजना तहत 2018-19 में सुंदरा को आवास की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त उसे उसके पक्के मकान का सपना साकार होने की उम्मीद जगी। जिसे पूरा करने में सुंदरा के पिता एवं भाइयों में भी हरसंभव सहायता प्रदान की। योजना के तहत सुंदरा को मकान निर्माण के लिए 130000, शौचालय के लिए 12000 तथा मनरेगा के तहत 95 दिवस की मजदूरी भी शासन द्वारा सुंदरा के बैंक खाते में स्थानांतरित की गयी साथ ही उज्जवला योजना अंतर्गत रसोई गैस भी शासन द्वारा प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री आवास के बन जाने के बाद सुरक्षा एवं आत्मविश्वास की भावना से परिपूर्ण सुंदरा अपने सामाजिक स्तर तथा स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव महसूस कर रही है।