बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिगराम गर्ग उर्फ सौरव को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से शालिगराम की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी शालिगराम को जमानत दे दी।
शालिगराम गर्ग पर पुलिस ने 9 दिन पहले FIR दर्ज की थी। उसका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह सिगरेट पीते हुए और हाथ में कट्टा लेकर एक शादी समारोह में लोगों को धमकाते नजर आया था। पुलिस ने एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
वीडियो की सत्यता को बनाया बेल का आधार
वकील शिव प्रताप सिंह ने बताया कि शालिगराम गर्ग और राजाराम तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। यहां दोनों पक्षों की ओर से बहस की गई। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 25-25 हजार रुपए के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए।
अदालत में दलील रखी गई कि जो वीडियो बताया गया है, उसमें कट्टे की बात कही जा रही है, लेकिन वह स्पष्ट नहीं दिख रहा है। दूसरा वीडियो पर तब तक विश्वास नहीं किया जा सकता, जब तक कि उसकी स्पष्ट रूप से जांच नहीं हो जाती।
पीड़ित पक्ष के वकील ने किया जमानत का विरोध
जिला लोक अभियोजन अधिकारी (डीओपी) प्रवेश अहिरवार ने बताया- शालिगराम गर्ग और राजाराम तिवारी पर बमीठा थाने में एक केस दर्ज था। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। हमने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट से निवेदन किया कि मामला गंभीर है। आरोपियों ने दलित परिवार के घर शादी में हंगामा किया। जातिसूचक शब्द कहे गए। फायर किया गया। आज भी पीड़ित परिवार दहशत में है। ऐसे में आरोपियों को जमानत नहीं दी जाए। कोर्ट द्वारा कहा गया कि अपराध 7 वर्ष से कम सजा से दंडनीय है। आरोपियों ने पहली बार इस प्रकार का कृत्य किया है, इसलिए जमानत दी जाती है।
पुलिस के अनुसार वायरल वीडियो और परिवार की रिपोर्ट के आधार पर शालिगराम पर मारपीट, धमकाने, जान से मारने की धमकी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी जांच एसडीओपी खजुराहो को सौंपी गई थी।
क्या है पूरा मामला?
छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में 11 फरवरी को अहिरवार समाज के एक परिवार में बेटी की शादी थी। परिवार ने पहले बागेश्वर धाम के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन बाद में निजी कार्यक्रम करने का फैसला किया।
शादी 11 फरवरी को थी, इस बात का पता चलने पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का छोटा भाई शालिगराम रात करीब 12 बजे अपने कुछ साथियों के साथ शादी समारोह में पहुंच गया। वहां उसने उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ की और लोगों को धमकाया। डरे-सहमे परिवार के लोगों ने शादी रोक दी।
बारात लौट गई और रिश्तेदार भी चले गए। हालांकि काफी समझाइश के बाद शादी उसी रात हो गई। शालिगराम की इस हरकत का वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद भारी जन आक्रोश के चलते पुलिस ने FIR दर्ज की।
दूल्हे ने लगाया जातिसूचक गालियां देने का आरोप
दूल्हे आकाश अहिरवार ने आरोप लगाया है कि 11 फरवरी की रात जब बाराती खाना खा रहे थे। डीजे पर राई बज रही थी। तभी शालिगराम ने आकर जातिसूचक शब्दों के साथ गालियां देना शुरू कर दिया। शादी में व्यवधान डाला। उसके हाथ में पिस्टल थी। उसने दो से तीन फायर भी किए।
आकाश ने बताया कि बागेश्वर धाम में 18 तारीख को सामूहिक विवाह होना था। ये लोग चाह रहे थे कि मेरी शादी भी वहीं हो, जिसके लिए धीरेंद्र शास्त्री ने घर पर खबर भी भेजी थी, मगर हमने सामूहिक विवाह में शादी करने से मना कर दिया। इस पर शालिगराम भड़क गया।
भीम आर्मी और ओबीसी महासभा ने निकाली थी रैली
शालिगराम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 25 फरवरी को भीम आर्मी और ओबीसी महासभा ने छतरपुर से बाइक रैली निकाली थी। ये रैली गढ़ा गांव पहुंची थी, जहां पीड़ित परिवार के घर में दो घंटे तक पंचायत लगाकर उनकी समस्याएं सुनी गईं।
बैठक के बाद भीम आर्मी के प्रदेश संयोजक सुनील बैरसिया ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जल्द से जल्द शालिगराम की गिरफ्तारी की मांग की थी। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के भाई शालिगराम गर्ग का बुधवार को एक और वीडियो सामने आया है। जिसमें वह कट्टे से फायर करता नजर आ रहा है। इससे पहले वायरल हुए वीडियो को लेकर पुलिस ने एक दिन पहले ही मामला दर्ज किया है।