इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी विवाद के बीच रविवार को ‘सरकारी संस्थानों’ पर हमला बोला। इमरान ने लाहौर के जमान पार्क में पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित किया। हैरानी की बात यह रही कि पीटीआई नेता और इमरान के करीबी शिबली फराज ने इससे पहले दावा किया था कि वह जमान पार्क स्थित अपने आवास पर मौजूद नहीं हैं। रविवार को इस्लामाबाद पुलिस इमरान के लाहौर स्थित आवास पर तोशाखाना मामले में उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। इस दौरान पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।
इमरान ने दोहराए अपने आरोप
शहबाज सरकार के नेताओं पर निशाना साधते हुए इमरान ने आरोप लगाया कि उन्होंने विदेशों में अपनी संपत्ति जमा कर रखी है और बाजवा ने उन्हें कानूनी मामलों में संरक्षण दिया है। अपने आरोपों को दोहराते हुए इमरान ने कहा कि ‘सत्ता में मौजूद लोग’ उन पर जानलेवा हमले के पीछे थे। इस संबंध में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और एक खुफिया अधिकारी का नाम लिया। इमरान पहले भी अपनी हत्या के प्रयास के लिए इन तीन नामों पर आरोप लगा चुके हैं।
7 मार्च को अदालत में पेश होने का वादा
जियो न्यूज की खबर के अनुसार इमरान खान ने अपने भाषण में कहा कि चाहें तो सरकार उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल दे, क्योंकि उनका देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनके नाम ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिए जाते हैं, तो उनके पैर कांपने लगते हैं। जियो न्यूज के रिपोर्टर का दावा है कि संभवतः आज इमरान की गिरफ्तार नहीं होगी क्योंकि शिबली फराज के आश्वासन, कि इमरान 7 मार्च को कोर्ट में पेश होंगे, के बाद इस्लामाबाद पुलिस वापस लौट गई है।