मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का सिस्टम आज यानी गुरुवार को और एक्टिव रहेगा। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा और गर्मी का असर बढ़ेगा। गुरुवार को भोपाल में बादल छाएंगे। नीमच-मंदसौर समेत प्रदेश के 11 जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। कुछ जगह ओलावृष्टि भी हो सकती है।
3 मार्च से प्रदेश में मौसम बदला था। भोपाल समेत धार, आगर, खरगोन, ग्वालियर, रतलाम, बैतूल, राजगढ़ में तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी चली। आकाशीय बिजली भी गिरी। इसके बाद लगातार मौसम बदला रहा। बुधवार को भी भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। मुरैना, आगर-मालवा, ग्वालियर समेत कई जिलों में ओलों के साथ बारिश भी हुई। 9 मार्च को भी ऐसा ही मौसम रहेगा।
दोपहर बाद से बदलना शुरू होगा मौसम
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि साउथ वेस्ट राजस्थान में प्रेरित चक्रवात बना। इसके अलावा, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय रहा। इस कारण एक्टिविटी हुई। साउथ कोंकण से लेकर सेंट्रल छत्तीसगढ़ तक ट्रफ लाइन गुजरने से सिस्टम और मजबूत हो गया। इसी की वजह से वेदर डिस्टर्ब हुआ। प्रदेशभर में ओले, बारिश और आंधी का दौर चला। 7 और 8 को ईस्ट एमपी में सिस्टम गुजरा और छत्तीसगढ़ पहुंच रहा है। इस कारण 9 मार्च को दोपहर तक मौसम बदला रहेगा। इसके बाद सामान्य हो जाएगा। कुछ जगह 10 मार्च को भी हल्की बारिश हो सकती है।
आज इन जिलों में हल्की बारिश की संभावना
भिंड, मुरैना, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़, निवाड़ी, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर और छतरपुर में आज हल्की बारिश हो सकती है। बिजली चमकने और गिरने की संभावना भी है।
सिस्टम का इन जिलों में असर रहा
भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, मंदसौर, रतलाम, नर्मदापुरम, विदिशा, राजगढ़, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, धार, हरदा, शाजापुर, छिंदवाड़ा, आगर-मालवा, खंडवा समेत 20 से ज्यादा जिलों में मौसम बदला। कहीं हल्की तो कहीं पर तेज बारिश-आंधी के साथ ओले गिरे। इस कारण गेहूं-चने की फसलें बर्बाद हो गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित फसलों का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। कई जिलों में मंत्री-विधायक भी प्रभावित फसलों का जायजा लेने के लिए खेतों में उतरे।
कई शहरों में दिन-रात के तापमान में गिरावट
बदले मौसम की वजह से प्रदेश के कई शहरों में दिन और रात के तापमान में गिरावट हुई है। कई जगहों पर तो पारा 7 डिग्री से ज्यादा लुढ़क गया। गर्मी से गुरुवार को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इसके बाद तेज गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा। 10 मार्च के बाद से गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर देगी।
12 साल से मार्च में हो रही बारिश
मध्यप्रदेश में 12 साल से मार्च महीने में बारिश होने का ट्रेंड है। मौसम वैज्ञानिक पांडे ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक लगातार पानी गिर रहा है। 10 मार्च 2006 में एक ही दिन में पौने 2 इंच (44.7 मिमी) बारिश हुई थी। इसी साल महीनेभर में एवरेज 4.25 इंच बारिश हुई थी। मार्च में बादलों के गरजने और बिजली चमकने की संभावना भी रहती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।