न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में कश्मीर पर एक बड़ा सच कबूल कर लिया है। बिलावल ने यह बात कबूल कर ली है कि उनका देश कश्मीर मसले को यूएन में एक मुख्य मुद्दा बनाने और इस पर संगठन का ध्यान आकर्षित करने में नाकाम रहा है। बिलावल ने यह भी माना कि जहां उनके देश की सारी कोशिशें फेल हो गईं तो कश्मीर पर भारत के सभी कूटनीतिक प्रयास यूएन में सफल रहे हैं। बिलावल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात स्वीकार की है। बिलावल ने अपने बयान में भारत को पहली बार दोस्त करार दिया।
बिलावल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आपको यह जानने की जरूरत है कि हमें कश्मीर मसले को यूएन के एजेंडे के तौर पर आगे बढ़ाने में और इस पर संगठन का ध्यान आकर्षित करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।’ इसके बाद बिलावल ने थोड़ा लड़खड़ाते हुए भारत का जिक्र किया और उसे दोस्त कहकर संबोधित किया। बिलावल ने कहा, ‘हमारे दोस्त, पड़ोसी देश (भारत) इस बात का बड़े पैमाने पर विरोध करते हैं कि कश्मीर कोई विवादित सीमा है। वह इसी तथ्य को यूएन में भी आगे बढ़ाते हैं कि कश्मीर कोई विवादित मसला नहीं है।’
बिलावल के मुताबिक भारत वास्तविकता से अलग इस बात पर हमेशा जोर देता है कि कश्मीर पर उसका कब्जा जायज है और इसका समर्थन किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान जो कश्मीर पर सोचता है, उस सच को स्वीकार करा पाना काफी मुश्किल है। भले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय कश्मीर पर उसकी सोच को खारिज कर दे मगर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल ने वादा किया है कि देश की कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी।
बिलावल ने इस बयान से पहले कश्मीर पर टिप्पणी दी थी। इस टिप्पणी के बदले भारत की तरफ से उन्हें करारा जवाब दिया गया था। सुरक्षा परिषद में बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मोजांबिक की अगुवाई में हुई एक बहस में कश्मीर का जिक्र किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले और फिर अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जे के खत्म होने के बाद से ही बिगड़े हुए हैं। भारत हमेशा कहता आया है कि पाकिस्तान ने बातचीत से अलग आतंक और दुश्मनी का माहौल बनाया हुआ है।