नई दिल्ली: क्या आपको भी अपने घर में कबूतर पालने का शौक है या औरों को देखकर आपने भी घर में कबूतर रखने का मन बना लिया है। अगर ऐसा है तो आपको यह खबर जरूर पढ़ना चाहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार कबूतर पालना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। कबूतर की मदद से ऐसी कई बीमारियां हैं जो चाहे-अनचाहे प्रवेश कर आपको बीमार कर सकती हैं। असल में कबूतर के कारण कई खतरनाक पैथोजेन जैसे सिटाकोसिस, सालमोनेला और हिस्टोप्लासमोसिस घर में एंट्री कर जाते हैं जिससे आपको सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। वहीं कबूतर की बीट भी खतरनाक है। इसमें पाया जाने वाला Aspergillus Fungus इंसान के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
पक्षियों के डॉक्टर बिक्रम ग्रेवाल के अनुसार, दिल्ली में कबूतरों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसकी मुख्य वजह भी निकलकर सामने आई है। शहर में जगह-जगह लोग उन्हें दाने डालते हैं जिस वजह से उनकी संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। ग्रेवाल ने आगे बताया कि हम अपने शहरों में देख रहे हैं कि कबूतर पालने और दूसरे कबूतरों के साथ मिक्सिंग के चलते हाइब्रिड कल्चर देखा जा रहा है। घने जंगलों में रहने वाली नॉन- हाइब्रिड प्रजातियों को खोजना बहुत मुश्किल है। बिक्रम ग्रेवाल ने आगे बताया कि लोग कबूतरों को पर्याप्त भोजन देते हैं जिस वजह से उन्हें ज्यादा कंफर्ट की जरूरत नहीं होती। वहीं बाकी पक्षियों की तरह कबूतरों को कोई विशेष मेटिंग सीजन नहीं होता।
अपने घरों में कबूतरों को पालना कई तरह की बीमारियों को न्योता दे सकता है। कबूतर अपने साथ टिक्स और माइट्स जैसे कीड़ों को साथ लाते हैं। वहीं इनकी बीट में पाया जाने वाला Aspergillus Fungus इंसान के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कबूतर की बीट से कई बीमारियों का खतरा हो सकता है। एक-एख कर आपसे चर्चा करते हैं।
हिस्टोप्लासमोसिस या डार्लिंग बीमारी
यह फंगल इंफेक्शन बच्चों, बुजुर्गों, अस्थमा के मरीज और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों को और बीमार कर सकता है। इससे प्रभावित लोगों के अंदर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं जिसमें सरदर्द, बुखार सूखी खांसी और थकान शामिल है।
इस इंफेक्शन से फेफड़े और नर्वस सिस्टम प्रभावित होते हैं।
कैंडिडायसिस
यह फंगल इंफेक्शन आपके गले, मुंह और चमड़ी को प्रभावित करता है। इसके चलते सांस संबंधी और पेशाब के रास्ते में संक्रमण हो सकता है। वहीं इस इंफेक्शन के चलते व्यक्ति को डकार, सूजन, अपच, नींद आना, डायरिया, गैस बनना, उल्टी और अल्सर जैसी चीजों से जूझना पड़ सकता है।